Monday, December 22, 2025

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‘चालक दल के कुप्रबंधन की वजह से बिगड़े हालात, जिम्मेदारों को चुकानी होगी कीमत’: विमानन मंत्री

इंडिगो एयरलाइन के हालिया परिचालन संकट पर केंद्र सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने स्पष्ट कहा है कि एयरलाइन की अव्यवस्थित क्रू मैनेजमेंट प्रणाली ही हजार से अधिक उड़ानों के रद्द होने का मुख्य कारण है। उन्होंने संकेत दिया कि इंडिगो के खिलाफ कार्रवाई “सिर्फ समय की बात” है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को “कीमत चुकानी होगी।”

विमानन मंत्री ने एक समाचार चैनल से बातचीत में बताया कि इंडिगो की उड़ानों के बड़े पैमाने पर रद्द होने के बावजूद अन्य एयरलाइनों को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। उन्होंने कहा कि नवंबर में नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) नियम लागू होने के बाद परिस्थितियाँ साफ हो गईं और यह पता चला कि समस्या एयरलाइन की ओर से ही पैदा हुई थी।

मंत्री नायडू ने बताया कि देश के प्रमुख मेट्रो शहरों—दिल्ली, मुंबई, चेन्नई—में पिछले दिनों जो भारी भीड़ देखने को मिली थी, वह अब काफी हद तक कम हो गई है। यात्रियों की लंबी कतारें ख़त्म हो चुकी हैं और हालात सामान्य होने की दिशा में तेजी से बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इंडिगो सीमित क्षमता के साथ उड़ान संचालन फिर से शुरू करेगी और अगले कुछ दिनों में धीरे-धीरे अपनी पूर्ण क्षमता की ओर लौटेगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि “कल से यात्रियों को कोई परेशानी नहीं होगी”, हालांकि पूर्ण सामान्य स्थिति बहाल होने में थोड़ा समय और लग सकता है।

विमानन मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि मंत्रालय और डीजीसीए ने इस स्थिति की पूर्व जानकारी न देने में कोई लापरवाही नहीं की। उन्होंने कहा कि नए एफडीटीएल नियमों के लागू होने के बाद इंडिगो के क्रू मैनेजमेंट में गड़बड़ी के कारण उसके संचालन में व्यापक व्यवधान आया, जिससे कई हवाई अड्डों पर देरी और भीड़ की समस्या बढ़ी।

एएनआई से बातचीत में नायडू ने बताया कि मंत्रालय ने इंडिगो को अस्थायी राहत देते हुए एफडीटीएल नियमों में कुछ छूट प्रदान की, ताकि एयरलाइन परिचालन को सामान्य कर सके। उन्होंने कहा कि एक नवंबर से लागू हुए नए नियमों पर मंत्रालय छह महीनों से सभी एयरलाइनों के साथ चर्चा कर रहा था और एयर इंडिया तथा स्पाइसजेट जैसी अन्य एयरलाइनों ने समय रहते अपने संचालन को इन नियमों के अनुरूप ढाल लिया था।

कुप्रबंधन की जांच के लिए समिति गठित

मंत्री नायडू ने बताया कि चालक दल की तैनाती और संचालन में हुई गड़बड़ी की जांच के लिए एक समिति बनाई गई है, जो यह पता लगाएगी कि किस स्तर पर गलती हुई और इसके लिए कौन जिम्मेदार है। उन्होंने कहा, “जिन्होंने यह स्थिति पैदा की, उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी। हम सख्त कार्रवाई करेंगे।”

उन्होंने यह भी कहा कि मंत्रालय की तत्काल प्राथमिकता परिचालन को सामान्य करना और यात्रियों को यथासंभव सहायता प्रदान करना है। उन्होंने कहा, “हर दिन लगभग पांच लाख लोग हवाई यात्रा करते हैं। हम एफडीटीएल नियमों और नेटवर्क शेड्यूलिंग पर नजर रख रहे हैं। सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।”

इंडिगो को दी गई चेतावनी और उड़ानें रद्द करने का निर्देश

नायडू ने बताया कि मंत्रालय ने पहले ही इंडिगो को निर्देश दिया था कि दो दिनों के भीतर सामान्य परिचालन सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं, लेकिन देरी जारी रहने के कारण स्थिति और बिगड़ती गई। उन्होंने कहा कि जब भीड़ नियंत्रित नहीं हुई तो मंत्रालय को मजबूरन इंडिगो को बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द करने का निर्देश देना पड़ा ताकि हवाई अड्डों पर यात्रियों की परेशानी कम हो सके।

उन्होंने कहा, “शुरुआत में जब देरी हुई, हमने इंडिगो से कहा था कि दो दिनों में सामान्य स्थिति सुनिश्चित करें। लेकिन जब हालात नहीं सुधरे, तो हमें उन्हें उड़ानें रद्द करने को कहना पड़ा।”

इंडिगो संकट पर सरकार की इस सख्त प्रतिक्रिया के बाद अब निगाहें उस जांच पर टिकी हैं, जो यह तय करेगी कि देश की सबसे बड़ी एयरलाइन में हुए इस व्यापक व्यवधान की वास्तविक जिम्मेदारी किसकी थी।

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