अमेरिका की ट्रंप सरकार ने नॉर्थ डकोटा स्थित चाको कल्चर नेशनल हिस्टोरिकल पार्क के पास तेल और गैस उत्खनन पर लगे प्रतिबंध को हटाने पर विचार शुरू कर दिया है। इस कदम से एक ओर जहां ऊर्जा कंपनियों को राहत मिलने की उम्मीद है, वहीं दूसरी ओर स्थानीय जनजातीय समुदायों में गहरी चिंता व्याप्त है। उनका कहना है कि इस क्षेत्र में खनन गतिविधियां न केवल पर्यावरण के लिए खतरा साबित होंगी, बल्कि उनकी सांस्कृतिक धरोहर को भी नुकसान पहुंचा सकती हैं।
चाको पार्क यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है, जो सैकड़ों साल पुरानी प्यूब्लो सभ्यता के अवशेषों और सांस्कृतिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। पार्क के 10 मील के दायरे में तेल और गैस ड्रिलिंग पर पूर्व सरकार ने पर्यावरणीय सुरक्षा के मद्देनजर प्रतिबंध लगाया था। ट्रंप प्रशासन अब इस प्रतिबंध की समीक्षा कर रहा है और इसे आंशिक रूप से हटाने की योजना पर विचार कर रहा है।
ऊर्जा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह कदम अमेरिकी ऊर्जा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है। उनका तर्क है कि आधुनिक तकनीक और सख्त निगरानी के जरिये पर्यावरणीय प्रभाव को सीमित किया जा सकता है।
हालांकि, नवाहो और अन्य जनजातीय नेताओं ने इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने कहा कि चाको क्षेत्र उनके पूर्वजों की ऐतिहासिक भूमि है और यहां खनन की अनुमति देना उनकी सांस्कृतिक पहचान पर सीधा प्रहार होगा। नवाहो नेशन काउंसिल के प्रवक्ता ने कहा, “यह सिर्फ जमीन का सवाल नहीं है, बल्कि हमारी विरासत, हमारी आत्मा और हमारे अस्तित्व से जुड़ा मुद्दा है।”
पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने भी चेतावनी दी है कि ड्रिलिंग से क्षेत्र में भू-जल प्रदूषण और पारिस्थितिक असंतुलन का खतरा बढ़ेगा। उन्होंने सरकार से अपील की है कि किसी भी निर्णय से पहले स्थानीय समुदायों की राय और पर्यावरणीय अध्ययन को प्राथमिकता दी जाए।
फिलहाल, ट्रंप प्रशासन ने इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय नहीं लिया है, लेकिन ऊर्जा और सांस्कृतिक हितों के बीच संतुलन बनाना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है।





