चमोली। जिले के सेमी ग्वाड और सगवाड़ा गांवों में लगातार हो रहे भू-धंसाव ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि कई मकानों पर गहरी दरारें पड़ गई हैं और पैदल रास्ते धंसने लगे हैं। खतरे को देखते हुए प्रशासन ने 15 परिवारों को अस्थायी रूप से सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया है।
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि बीते कुछ दिनों से जमीन खिसकने और रास्तों में धंसान की घटनाएं लगातार हो रही हैं। इससे आवाजाही बाधित हो रही है और मकानों की दीवारों व फर्श में चौड़ी दरारें साफ नजर आने लगी हैं। लोगों में डर का माहौल है और अधिकांश परिवार अपने घरों में रहने से कतरा रहे हैं।
प्रशासन की ओर से प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे कराया जा रहा है। राजस्व टीम और आपदा प्रबंधन विभाग मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा ले रहे हैं। जिन परिवारों के मकानों में दरारें आई हैं, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर राहत शिविरों और पंचायत भवनों में ठहराया गया है।
जिला प्रशासन का कहना है कि हालात पर कड़ी नजर रखी जा रही है। प्रभावित इलाकों के भू-वैज्ञानिक सर्वे की भी तैयारी की जा रही है, ताकि भू-धंसाव के कारणों का पता लगाया जा सके और स्थायी समाधान निकाला जा सके। वहीं, ग्रामीणों ने प्रशासन से स्थायी पुनर्वास और वैकल्पिक आवास की मांग उठाई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि लगातार हो रही बारिश, जल निकासी व्यवस्था की कमी और कमजोर भूगर्भीय संरचना इसके पीछे प्रमुख कारण हो सकते हैं। सेमी ग्वाड और सगवाड़ा में मौजूदा स्थिति को देखते हुए अगले कुछ दिनों तक और खतरे की आशंका जताई जा रही है।