चक्रवाती तूफान ‘Montha’ ने भारत के पूर्वी तट पर मंगलवार रात दस्तक दी, जिसके बाद तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओड़िशा और पश्चिम बंगाल में दहशत और सतर्कता दोनों का माहौल बना हुआ है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने आंध्र प्रदेश और ओड़िशा के कई जिलों में रेड अलर्ट जारी करते हुए 90 से 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएँ चलने और भारी वर्षा की चेतावनी दी है।
आंध्र प्रदेश में अब तक एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि हुई है, जब तेज़ हवाओं के बीच एक पेड़ उसके ऊपर गिर गया। राज्य के तटीय जिलों से 50,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों और राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया है।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, ‘Montha’ बंगाल की खाड़ी में बना एक चक्रवाती तूफान है, जो उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ते हुए आंध्र प्रदेश के तट से टकराया। नेलोर, काकीनाडा और आसपास के क्षेत्रों में तेज़ हवाएँ, उफनती लहरें और बिजली आपूर्ति बाधित होने की शुरुआती खबरें सामने आई हैं।
आंध्र प्रदेश में काकीनाडा, कृष्णा, वेस्ट गोदावरी और प्राकाशम जिलों में रेड अलर्ट घोषित किया गया है। प्रशासन ने राहत शिविरों की व्यवस्था, बिजली कटौती और वाहनों की आवाजाही पर रोक जैसे एहतियाती कदम उठाए हैं।
ओड़िशा के आठ दक्षिणी जिलों को ‘सबसे जोखिमग्रस्त’ श्रेणी में रखा गया है, जहाँ NDRF और ODRAF की टीमें राहत व बचाव कार्य में जुटी हैं।
तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में भी भारी वर्षा और संभावित तूफानी लहरों के लिए चेतावनी जारी की गई है।
आंध्र प्रदेश में 787 गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित अस्पतालों में पहुँचाया गया है, जबकि गुन्टूर जिले में लगभग 6,000 लोगों को 92 राहत शिविरों में भेजा गया है।
IMD ने अगले 24 से 48 घंटे को सबसे संवेदनशील अवधि बताया है। अनुमान है कि तूफान के प्रभाव से 90 से 100 किमी/घंटा की गति से हवाएँ चल सकती हैं और कुछ स्थानों पर 20 सेंटीमीटर तक बारिश हो सकती है।
प्रशासन ने नागरिकों को चेतावनी दी है कि वे तटीय और नदी किनारे के क्षेत्रों से सुरक्षित स्थानों पर चले जाएँ, खुले स्थानों या पेड़ों के नीचे खड़े न हों, और गर्भवती महिलाओं, वृद्धों व बच्चों की विशेष देखभाल करें। साथ ही स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी आपात चेतावनियों पर सतत नज़र बनाए रखने की अपील की गई है।
बिजली आपूर्ति बहाल रखने, जल निकासी सुनिश्चित करने, सड़कों से बाधाएँ हटाने और राहत शिविरों में आवश्यक भंडारण की व्यवस्था करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
कुल मिलाकर, Cyclone Montha ने पूर्वी भारत के तटीय इलाकों पर भारी दबाव बनाया है। प्रशासन की तैयारियाँ व्यापक हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि नागरिकों की सतर्कता, अनुशासन और सहयोग ही इस प्राकृतिक आपदा के प्रभाव को कम करने में निर्णायक भूमिका निभाएंगे।





