Monday, December 22, 2025

Top 5 This Week

Related Posts

ग्रेट निकोबार द्वीप प्रोजेक्ट की समीक्षा की मांग

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ग्रेट निकोबार द्वीप में आधारभूत ढांचे की परियोजना को पर्यावरण के लिए ‘गंभीर खतरा’ बताते हुए इसकी समीक्षा की मांग की है। जयराम रमेश ने पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से परियोजना को दी गई सभी मंजूरियों को निलंबित करने का आग्रह किया और संसदीय समितियों से इसकी गहन और निष्पक्ष समीक्षा कराने की मांग की है। जयराम रमेश ने इस संबंध में पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र भी लिखा है।  कांग्रेस नेता ने पत्र में लिखा कि पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को अपना धर्म निभाते हुए ग्रेट निकोबार द्वीप परियोजना को मंजूरी नहीं देनी चाहिए। खासकर तब जब यह परियोजना मानवीय, सामाजिक और पारिस्थितिकी रूप से विनाशकारी हो। जयराम रमेश ने लिखा कि ‘आपको राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान हमारी हाल की बातचीत याद होगी। ग्रेट निकोबार द्वीप में केंद्र सरकार की प्रस्तावित 72,000 करोड़ रुपये की ‘मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना’ ग्रेट निकोबार द्वीप के आदिवासी समुदायों और प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र के लिए गंभीर खतरा है।’ उन्होंने दावा किया कि इस परियोजना के ‘विनाशकारी पारिस्थितिक और मानवीय परिणाम’ हो सकते हैं और उचित प्रक्रिया का उल्लंघन करके और आदिवासी समुदायों की रक्षा करने वाले कानूनी और संवैधानिक प्रावधानों को दरकिनार करके इस परियोजना को आगे बढ़ाया गया है। कांग्रेस नेता ने 10 अगस्त को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘सबसे पहले, इस परियोजना के लिए 13,075 हेक्टेयर वन भूमि के इस्तेमाल को बदलना होगा जो द्वीप के कुल क्षेत्रफल का 15% है। यह इलाका राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर एक अद्वितीय वर्षावन पारिस्थितिकी तंत्र है।’ उन्होंने लिखा कि ‘परियोजना स्थल के कुछ हिस्से कथित तौर पर CRZ 1A (कछुओं के रहने वाले क्षेत्र, मैंग्रोव, कोरल रीफ वाले क्षेत्र) के अंतर्गत आते हैं, इस क्षेत्र में बंदरगाह निर्माण प्रतिबंधित है।’

Popular Articles