फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों जी7 देशों के शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए कनाडा जाने से पहले ग्रीनलैंड की राजधानी नूक पहुंचे। जहां उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा ग्रीनलैंड पर नियंत्रण करने की इच्छा पर दो टूक जवाब दिया। राष्ट्रपति मैक्रों ने जोर देते हुए कहा कि ग्रीनलैंड को ना ही बेचा जा सकता है और न ही छीना जा सकता है। उन्होंने कहा कि सीधी बात ये है कि फ्रांस और यूरोपीय संघ के सभी लोग मानते हैं कि ग्रीनलैंड बिकाऊ नहीं है और इसे कोई जबरन नहीं ले सकता। मैक्रों के इस बयान को स्थानीय लोगों ने तालियों से स्वागत किया। बता दें कि जी7 देशों के शिखर सम्मेलन में भाग लेने से पहले ग्रीनलैंड की राजधानी नूक पहुंचे मैक्रों का डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन और ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री जेन्स-फ्रेडरिक नीलसन ने जोरदार स्वागत किया।राष्ट्रपति मैक्रों ने आगे कहा कि ग्रीनलैंड की स्थिति यूरोप के लिए एक चेतावनी है। मैं साफ-साफ कहना चाहता हूं कि आप अकेले नहीं हैं। फ्रांस और यूरोप आपके साथ हैं। इसके साथ ही जब मैक्रों से पूछा गया कि अगर राष्ट्रपति ट्रंप ग्रीनलैंड पर सैन्य कब्जा करने की कोशिश करें तो क्या फ्रांस मदद करेगा?
तो इस बात के जवाब में मैक्रों ने इस सवाल से बचते हुए कहा कि मैं सार्वजनिक रूप से इस तरह के काल्पनिक सवालों पर टिप्पणी नहीं करूंगा, क्योंकि मैं नहीं मानता कि हमारा मित्र और सहयोगी अमेरिका किसी दूसरे सहयोगी के खिलाफ आक्रामक कदम उठाएगा। देखा जाए तो इस बयान के जरिए मैक्रों ने अमेरिका को स्पष्ट संकेत दिया है कि यूरोप ग्रीनलैंड को लेकर किसी भी दबाव या दखलअंदाजी को स्वीकार नहीं करेगा। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने हाल के महीनों में यूरोपीय संघ में फ्रांस की भूमिका को मजबूत करने की कोशिशें तेज कर दी हैं। उन्होंने खुद को यूरोप के नेता के तौर पर पेश किया है, खासकर ऐसे समय में जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यूक्रेन को दिए जा रहे समर्थन पर सवाल उठा रहे हैं। मैक्रों ने हाल ही में पेरिस में एक सम्मेलन बुलाया जिसमें कई यूरोपीय देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने हिस्सा लिया। इस बैठक में यूक्रेन संकट और यूरोप की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई।
ग्रीनलैंड की यात्रा के दौरान रविवार को मैक्रों से डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन और ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री जेन्स-फ्रेडरिक नीलसन ने एक डेनिश हेलिकॉप्टर कैरियर पर मुलाकात की। यह बैठक इस बात का संकेत थी कि फ्रांस आर्कटिक क्षेत्र की सुरक्षा को लेकर गंभीर है। इसके बाद तीनों नेता तेजी से पिघल रहे एक ग्लेशियर पर भी गए। वहां उन्होंने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को देखा और साथ ही आर्थिक विकास, कम-कार्बन ऊर्जा और महत्वपूर्ण खनिज संसाधनों पर चर्चा की।