प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दक्षिण गोवा जिले स्थित श्री संस्थान गोकर्ण जीवोत्तम मठ में भगवान राम की 77 फीट ऊंची भव्य कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया। प्रतिमा के अनावरण के बाद प्रधानमंत्री ने परतगली स्थित श्री संस्थान गोकर्ण परतगली जीवोत्तम मठ में पूजा-अर्चना भी की। वे मठ की स्थापना के 550 वर्ष पूरे होने पर आयोजित ‘सार्ध पंचशतामनोत्सव’ के विशेष समारोह में शामिल होने के लिए गोवा पहुंचे थे।
प्रतिमा का अनावरण करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यहां स्थापित 77 फुट ऊंची भगवान राम की कांस्य मूर्ति मठ की समृद्ध आध्यात्मिक परंपरा का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि तीन दिन पहले ही उन्हें अयोध्या में राम मंदिर के ऊपर धर्म ध्वज फहराने का सौभाग्य मिला था और आज वे एक और ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बन रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि बदलते समय और चुनौतियों के बावजूद यह मठ अपनी दिशा और ध्येय से कभी नहीं भटका। बल्कि यह लोगों को मार्गदर्शन देने वाला एक प्रेरणा केंद्र बनकर उभरा है।
उन्होंने कहा कि यह मठ मूल्यों को संरक्षित रखने की मजबूत नींव रहा है और आने वाली पीढ़ियों को आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करता रहेगा। सेवा की भावना इस मठ की विशेष पहचान रही है। ऐतिहासिक रूप से, जब कठिन समय में क्षेत्र के लोगों को अपने घर छोड़कर अन्य जगहों पर शरण लेनी पड़ी, तब इस मठ ने समुदायों को सहारा दिया। मठ ने नई जगहों पर मंदिर और आश्रयस्थल बनवाए और धर्म एवं संस्कृति की रक्षा की।
प्रधानमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि समय के साथ मठ की सेवाओं का दायरा बढ़ा है। आज यह शिक्षा, छात्रावास, बुजुर्गों की देखभाल और जरूरतमंद परिवारों की सहायता जैसे कई क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। अपनी उपलब्ध संसाधनों को समाज के कल्याण में लगाने की इसकी परंपरा सदियों से जारी है।
भाषण के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि गोवा ने इतिहास में ऐसे दौर भी देखे जब मंदिरों और पारंपरिक मान्यताओं को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन इन परिस्थितियों ने समाज की एकता और सांस्कृतिक भावनाओं को कमजोर नहीं होने दिया। उन्होंने कहा कि गोवा की संस्कृति की यही विशेषता है कि उसने समय के बदलावों के बीच भी अपनी पहचान को जीवंत बनाए रखा है।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने परतगली स्थित मठ के मंदिर परिसर का भी दौरा किया। यह मठ भारत के सबसे प्राचीन मठों में से एक है और अपने आध्यात्मिक, सांस्कृतिक तथा सामाजिक योगदान के लिए प्रसिद्ध है। सारस्वत समुदाय में इस मठ का विशेष महत्व है। समारोह में गोवा के राज्यपाल अशोक गजपति राजू और मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत भी मौजूद रहे।
गोवा के पीडब्ल्यूडी मंत्री दिगंबर कामत ने जानकारी दी कि भगवान राम की यह प्रतिमा सुप्रसिद्ध मूर्तिकार राम सुतार ने बनाई है, जिन्होंने गुजरात में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की डिजाइन भी तैयार की थी। उन्होंने बताया कि यह दुनिया में भगवान राम की सबसे ऊंची प्रतिमा है। इसके साथ ही गोवा में रामायण थीम पार्क और राम संग्रहालय के निर्माण का कार्य भी प्रगति पर है।





