Friday, September 20, 2024

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गोवंश को लावारिस छोड़ने या ईयर टैगिंग हटाने पर 10 हजार रुपये जुर्माना

उत्तराखंड गो सेवा आयोग ने गोवंश को लावारिस छोड़ने और उनकी ईयर टैगिंग हटाने पर जुर्माने को दो हजार से बढ़ाकर 10 हजार रुपये करने की सिफारिश की है। आयोग की बैठक में गोवंश संरक्षण अधिनियम की धारा-7 और धारा-8 के तहत यह संशोधन करने का प्रस्ताव पारित हुआ। इसको शासन के पास भेजा जाएगा। बैठक में प्रत्येक गोवंश के जन्म और मृत्यु का पंजीकरण अनिवार्य तौर पर करने का फैसला भी हुआ।

बैठक में सदस्यों ने जानकारी दी कि डेरी में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए गायों को जो दाना दिया जा रहा है, उससे गोवंश की प्रजनन क्षमता प्रभावित हो रही है। गायों के बांझ होने पर उसे सड़कों पर छोड़ा जा रहा है, जिस पर कार्रवाई के लिए संबंधित विभागों की एक संयुक्त टीम शासनस्तर से गठित करने का प्रस्ताव पारित किया गया।

बैठक में बताया गया कि शहरी विकास विभाग द्वारा विभिन्न नगर निकायों में निराश्रित गोवंश को शरण दिलाने के लिए 30 नई गोशालाओं का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें 28 का कार्य शुरू हो चुका है। बाकी दो स्थानों पर भूमि बह जाने से गोशाला का निर्माण शुरू नहीं हो सका है। वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में 24 नई गोशालाओं के लिए कुल 42 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं, जिनका शीघ्र निर्माण कार्य शुरू होगा। कार्य में तेजी लाने के लिए पंचायतीराज विभाग को निर्देश दिए गए हैं।

बैठक आयोग के अध्यक्ष पं. राजेंद्र अणथ्वाल की अध्यक्षता में हुई। इसमें पशुपालन विभाग के सचिव बीबीआरसी पुरुषोत्तम, अपर सचिव रवनीत चीमा, कृषि विभाग के उप सचिव सुधीर कुमार चौधरी और उप पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह कुटियाल, डॉ. डीसी सेमवाल, पूर्व निदेशक डॉ. प्रेम कुमार, समेत विभिन्न विभागों के प्रमुख अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

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