गांधीनगर। गुजरात में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की नई टीम शुक्रवार को शपथ लेगी। माना जा रहा है कि यह फेरबदल आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है, ताकि भाजपा संगठनात्मक और सामाजिक समीकरणों को मजबूत कर सके।
राज्यपाल आचार्य देवव्रत राजभवन में नए मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। मुख्यमंत्री पटेल ने गुरुवार देर रात तक पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षकों और वरिष्ठ नेताओं के साथ मंत्रिमंडल के गठन पर लंबी बैठक की। सूत्रों के अनुसार, नई टीम में युवा चेहरों और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व को प्राथमिकता दी गई है।
संगठनात्मक संतुलन पर फोकस
भाजपा नेतृत्व ने संकेत दिए हैं कि इस बार मंत्रिमंडल में समाजिक और भौगोलिक संतुलन पर विशेष ध्यान दिया गया है। सौराष्ट्र, उत्तर गुजरात और आदिवासी बहुल इलाकों से नए चेहरों को शामिल किए जाने की संभावना है। कुछ वरिष्ठ मंत्रियों को संगठन में जिम्मेदारी दी जा सकती है, जबकि नई पीढ़ी के नेताओं को शासन में मौका मिलेगा।
चुनावी रणनीति के तहत बदलाव
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि मंत्रिमंडल का यह पुनर्गठन भाजपा की चुनावी रणनीति का हिस्सा है। पार्टी चाहती है कि विधानसभा चुनावों से पहले सरकार और संगठन दोनों ही नई ऊर्जा के साथ जनता के बीच जाएं। इससे विकास, सुशासन और स्थिर नेतृत्व की छवि को और मजबूत करने की कोशिश की जाएगी।
केंद्रीय नेतृत्व की करीबी निगरानी
सूत्रों के मुताबिक, मंत्रिमंडल गठन को लेकर अंतिम सूची दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की मंजूरी से तय हुई है। गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी संभावित नामों पर परामर्श किया है।
भाजपा सूत्रों के अनुसार, नई टीम के गठन के साथ ही राज्य में पार्टी का चुनावी अभियान चरणबद्ध रूप से शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल जल्द ही नए मंत्रियों के साथ मिलकर जनता से संवाद और विकास परियोजनाओं की समीक्षा करेंगे।
गुजरात में भाजपा लगातार सत्ता में है और आगामी चुनावों में पार्टी अपना प्रदर्शन दोहराने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। नई टीम का शपथ ग्रहण उसी रणनीतिक तैयारी का हिस्सा माना जा रहा है।
गुजरात में आज होगा मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की नई टीम का शपथ ग्रहण





