राज्य सरकार ने गनबाड़ी (आंगनबाड़ी) कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए सेवानिवृत्ति पर दी जाने वाली एकमुश्त सहायता राशि में बढ़ोतरी कर दी है। नए प्रावधानों के लागू होने के बाद गनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सेवानिवृत्ति के समय चार लाख रुपये तक की राशि मिलेगी। सरकार का यह कदम लंबे समय से वित्तीय सुरक्षा की मांग कर रही कार्यकर्ताओं के लिए बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है।
केंद्र में गनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका
गनबाड़ी कार्यकर्ता वर्षों से महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत पोषण, स्वास्थ्य, टीकाकरण और प्रारंभिक शिक्षा जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सेवाएं दे रही हैं। अपनी जिम्मेदारियों के कारण इन्हें ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में शासन की योजनाओं की सबसे अहम कड़ी माना जाता है। इसके बावजूद सेवानिवृत्ति के समय मिलने वाली आर्थिक सहायता को लेकर कई सालों से संतोषजनक व्यवस्था नहीं थी।
सरकार ने बढ़ाई सहायता राशि
नए फैसले के अनुसार:
- गनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सेवानिवृत्ति पर अधिकतम 4 लाख रुपयेकी एकमुश्त सहायता मिलेगी।
- सहायिकाओं को भी उनकी सेवा अवधि और भूमिका के आधार पर बढ़ी हुई राशि प्रदान की जाएगी।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि यह बदलाव उन कार्यकर्ताओं के सम्मान और जीवन सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया गया है, जिन्होंने दशकों तक सेवाएं दी हैं।
लंबे समय की मांग हुई पूरी
गनबाड़ी संगठनों की ओर से लगातार यह कहा जा रहा था कि कार्यकर्ताओं पर काम का बोझ बढ़ा है, लेकिन सेवानिवृत्ति के समय मिलने वाली राशि बेहद कम है। नई व्यवस्था के लागू होने से उनकी आर्थिक सुरक्षा को मजबूती मिलेगी। इससे सेवानिवृत्त होने वाली कार्यकर्ताओं को सम्मानजनक जीवन जीने में भी सहायता मिलेगी।
कार्यकर्ताओं में खुशी, कहा—सरकार का सराहनीय कदम
निर्णय की घोषणा के बाद गनबाड़ी कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है। कई कार्यकर्ताओं ने इसे “ऐतिहासिक कदम” बताते हुए कहा कि इससे उन्हें न केवल राहत मिली है, बल्कि सरकार द्वारा उनके परिश्रम की सराहना भी झलकती है।
राज्य सरकार का कहना है कि महिला एवं बाल विकास से जुड़े सभी कर्मचारियों की बेहतरी के लिए आगे भी सकारात्मक कदम उठाए जाते रहेंगे।





