भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गगनयान मिशन की तैयारी को तेज़ी से आगे बढ़ाते हुए रविवार को पैराशूट आधारित डीसेलेरेशन सिस्टम का सफल एयर ड्रॉप परीक्षण किया। इस परीक्षण में सशस्त्र बलों ने भी इसरो की मदद की।
हाल ही में इसरो ने गगनयान मिशन के लिए सर्विस मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम (SMPS) का काम भी सफलतापूर्वक पूरा किया था। हॉट टेस्ट के दौरान यह सिस्टम पूरी तरह उम्मीदों के मुताबिक काम करता दिखा। यह खास सिस्टम दो प्रकार के ईंधन से चलता है और इसका मुख्य कार्य है –
• रॉकेट को सही कक्षा (ऑर्बिट) में स्थापित करना,
• उड़ान के दौरान दिशा को नियंत्रित करना,
• आवश्यकता पड़ने पर रॉकेट की गति को धीमा करना,
• और किसी गड़बड़ी की स्थिति में मिशन को बीच में रोककर अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित वापस लाना।
गगनयान और भविष्य की अंतरिक्ष योजनाएँ
• गगनयान-1 मिशन : साल के अंत तक लॉन्च होगा, जिसमें मानव-रोबोट ‘व्योममित्रा’ अंतरिक्ष यात्रा करेगा।
• 2027 : भारत की पहली मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान।
• 2028 : चंद्रयान-4 और शुक्र मिशन।
• 2035 : भारत अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना।
• 2040 : भारतीय अंतरिक्ष यात्री को चंद्रमा पर भेजने का लक्ष्य।