उत्तराखंड में लंबे समय से लंबित स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी परियोजना अब वास्तविक रूप लेने के करीब है। यूनिवर्सिटी के लिए वन भूमि आवंटन की बाधा आखिरकार दूर हो गई है। वन विभाग से जमीन उपलब्ध कराने को सैद्धांतिक सहमति मिलने के बाद खेल मंत्री रेखा आर्या ने घोषणा की है कि वर्ष 2026 के शैक्षणिक सत्र से यूनिवर्सिटी में कक्षाएं विधिवत शुरू कर दी जाएंगी। इस फैसले से राज्य के खिलाड़ियों और खेल क्षेत्र में करियर बनाने वाले युवाओं के लिए नए अवसर खुलने जा रहे हैं।
खेल मंत्री ने विधानसभा भवन स्थित कार्यालय में गुरुवार को खेल विभाग की समीक्षा बैठक के बाद बताया कि यूनिवर्सिटी के लिए वन भूमि की फाइल दो से तीन बार विभाग द्वारा वापस लौटा दी गई थी, लेकिन अंततः दोनों विभागों में सहमति बन गई है। मंत्री आर्या ने अधिकारियों को यूनिवर्सिटी के लिए नए पद सृजित करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी न सिर्फ राज्य में खेल शिक्षा को नई दिशा देगी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के एथलीट तैयार करने में भी अहम भूमिका निभाएगी।
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि चंपावत में महिला स्पोर्ट्स कॉलेज का शिलान्यास राज्य स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। मंत्री ने निर्देश दिए कि इस कॉलेज में भी अगले वर्ष से कक्षाएं शुरू करने की तैयारी पूरी कर ली जाए। इससे प्रदेश की महिला खिलाड़ियों को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण और शिक्षा एक ही परिसर में मिल सकेगी।
खेल मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना और मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना के तहत अक्टूबर तक का पूरा भुगतान लाभार्थियों को जारी किया जा चुका है। उन्होंने अधिकारियों को आगे के भुगतानों के लिए बजट की मांग तुरंत भेजने के निर्देश दिए, ताकि खिलाड़ियों के प्रोत्साहन में कोई बाधा न आए।
बैठक में पदक विजेता खिलाड़ियों को आउट-ऑफ-टर्म रोजगार देने के मुद्दे पर भी महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। खेल विभाग अब शासन को प्रस्ताव भेजेगा कि पदक विजेताओं को नौकरी देने के लिए आवश्यक सभी अधिसंख्य पद केवल खेल विभाग में ही सृजित किए जाएं। इससे खिलाड़ियों की नियुक्ति के लिए अन्य विभागों पर निर्भरता खत्म होगी और प्रक्रिया तेज व पारदर्शी बनेगी।
समीक्षा बैठक के दौरान खेल मंत्री ने आबकारी विभाग द्वारा प्रति बोतल एक रुपये के सेस से मिलने वाली धनराशि अब तक खेल विभाग को न मिलने पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस मामले में तत्काल प्रभाव से कार्रवाई कर राशि उपलब्ध कराई जाए।
बैठक में विशेष प्रमुख खेल सचिव अमित सिन्हा, खेल निदेशक आशीष चौहान, अपर निदेशक अजय अग्रवाल और महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज के प्राचार्य राजेश ममगाईं सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
इस तरह, फॉरेस्ट लैंड की सहमति और सरकारी स्तर पर बढ़ती पहल से उम्मीद है कि 2026 से उत्तराखंड में स्पोर्ट्स शिक्षा और प्रशिक्षण का नया अध्याय शुरू होगा।





