खाड़ी देशों ने कच्चे तेल से अपनी अर्थव्यवस्थाओं को खूब चमकाया और दुनियाभर से निवेश को आकर्षित किया। हालांकि अब हालात बदलते दिख रहे हैं और खाड़ी देश भी अपनी अर्थव्यवस्था की तेल पर निर्भरता को कम करना चाहते हैं और इस दिशा में ओमान ने पहल कर दी है। खाड़ी देशों में पहली बार ओमान ने अपने नागरिकों पर आयकर लगाने का फैसला किया है। ओमान सरकार के एलान के तहत साल 2028 से पांच प्रतिशत आयकर वसूला जाएगा।
हालांकि ओमान ने अभी सिर्फ उन्हीं नागरिकों पर आयकर लगाने का फैसला किया है, जिनकी सालाना आय 1,09,000 डॉलर या उससे ज्यादा है। इस तरह अभी ओमान के सिर्फ एक प्रतिशत लोगों से ही आयकर वसूला जाएगा। ओमान की सरकार ने रविवार को इस संबंध में आधिकारिक एलान जारी कर दिया। हालांकि अभी ये साफ नहीं है कि ओमान के अलावा क्या अन्य खाड़ी देश भी अपने नागरिकों पर टैक्स लगाने पर विचार कर रहे हैं या नहीं। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF)ने भी अनुमान जताया है कि खाड़ी देश आने वाले वर्षों में अपने राजस्व में विविधता लाने के लिए अपने नागरिकों पर टैक्स लगाना शुरू कर देंगे।
खाड़ी देशों में अभी तक टैक्स नहीं लगता है, जिससे दुनियाभर के लोग इन देशों की तरफ आकर्षित हुए और खाड़ी देशों में निवेश किया। ओमान के वित्त मंत्री ने बताया कि वैश्विक ऊर्जा बाजार में उतार चढ़ाव के चलते ओमान ने अपने राजस्व की तेल पर निर्भरता घटाने का फैसला किया है। अभी ओमान के कुल राजस्व का 85 प्रतिशत तेल और गैस की बिक्री से आता है। ओमान बीते काफी समय से नागरिकों पर आयकर लगाने पर विचार कर रहा था। साल 2020 में ओमान ने अपनी अर्थव्यवस्था में कई बदलाव भी किए थे, जिसमें जनता पर कर्ज में कटौती और आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया गया। ओमान अपने साल 2040 विजन के तहत ये बदलाव कर रही है। ओमान की सरकार अपने देश की अर्थव्यवस्था को तकनीक पर आधारित बनाना चाहता है।