कोलकाता/नादिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पश्चिम बंगाल दौरे के दौरान शनिवार को उस समय अफरा-तफरी का माहौल बन गया, जब खराब मौसम के कारण उनके हेलीकॉप्टर को उतरने की अनुमति नहीं मिल सकी। उत्तर बंगाल और आसपास के इलाकों में अचानक छाई घनी धुंध और कम विजिबिलिटी (Low Visibility) की वजह से पायलट ने जोखिम न लेते हुए लैंडिंग टालने का फैसला किया।
नादिया में होना था कार्यक्रम
प्रधानमंत्री मोदी को नादिया जिले में एक महत्वपूर्ण जनसभा को संबोधित करना था। स्थानीय प्रशासन और भाजपा कार्यकर्ताओं ने रैली की सभी तैयारियां पूरी कर ली थीं और हजारों की संख्या में लोग पीएम को सुनने के लिए जुटे थे। हालांकि, जैसे ही प्रधानमंत्री का हेलीकॉप्टर कार्यक्रम स्थल के करीब पहुंचा, आसमान में बादलों और धुंध के कारण पायलट को लैंडिंग पैड दिखाई देने में काफी कठिनाई हुई।
सुरक्षा कारणों से लिया गया फैसला
वायुसेना के पायलटों ने कई मिनटों तक हवा में चक्कर लगाकर सुरक्षित लैंडिंग की संभावना तलाशी, लेकिन विजिबिलिटी मानक स्तर से काफी कम होने के कारण एटीसी (Air Traffic Control) और सुरक्षा टीम ने नीचे उतरना असुरक्षित माना। प्रधानमंत्री की सुरक्षा प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए, हेलीकॉप्टर को वापस निकटतम सुरक्षित हवाई अड्डे की ओर मोड़ दिया गया।
वैकल्पिक मार्ग और देरी
मौसम में अचानक आए इस बदलाव ने पूरे सरकारी कार्यक्रम को प्रभावित किया है। सूत्रों के अनुसार:
- पीएम के काफिले के लिए अब सड़क मार्ग के विकल्प पर विचार किया जा रहा है, हालांकि इसमें समय अधिक लगने की संभावना है।
- मौसम विभाग ने अगले कुछ घंटों तक क्षेत्र में धुंध बने रहने का अनुमान जताया है।
कार्यकर्ताओं में मायूसी, प्रशासन अलर्ट
प्रधानमंत्री के समय पर न पहुंच पाने की खबर से सभा स्थल पर मौजूद समर्थकों में मायूसी देखी गई। वहीं, स्थानीय पुलिस और प्रशासन अब सड़क मार्ग से प्रधानमंत्री की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए ‘रूट क्लियरेंस’ में जुट गए हैं। बंगाल बीजेपी के नेताओं का कहना है कि मौसम साफ होते ही या वैकल्पिक व्यवस्था के माध्यम से पीएम जनता को संबोधित कर सकते हैं।





