पाकिस्तान में सियासी तूफान आने की चर्चाएं हैं। दरअसल ऐसी चर्चा है कि पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन हो सकता है और सिर्फ सत्ता ही नहीं बल्कि व्यवस्था परिवर्तन होने की भी आशंका जताई जा रही है। उच्च स्तरीय बैठकों ने इन चर्चाओं को तेज कर दिया है। मंगलवार को पीएम शहबाज शरीफ ने पहले राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और फिर सेना प्रमुख आसिम मुनीर से मुलाकात की।
शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर की मुलाकात के बाद चर्चाएं तेज
पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, मंगलवार को पाकिस्तानी सेना के प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से पीएम आवास में मुलाकात की। सेना प्रमुख से मुलाकात से पहले पीएम शहबाज शरीफ ने राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। इसके बाद चर्चाएं तेज हो गई हैं कि सेना प्रमुख आसिम मुनीर, आसिफ अली जरदारी को हटाकर पाकिस्तान के नए राष्ट्रपति बन सकते हैं।
पाकिस्तान में संसदीय व्यवस्था की जगह राष्ट्रपति शासन व्यवस्था लागू होने की अटकलें
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान में 27वां संविधान संशोधन हो सकता है। पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन की चर्चाएं सोशल मीडिया पर ज्यादा हैं, जिनमें कहा जा रहा है कि पाकिस्तान में संसदीय व्यवस्था की जगह राष्ट्रपति शासन व्यवस्था लागू हो सकती है। हालांकि रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इन चर्चाओं को अफवाह बताकर खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और पीएम शहबाज शरीफ की मुलाकात के बाद ऐसी चर्चाएं शुरू हुईं। ख्वाजा आसिफ ने इस मुद्दे पर मीडिया की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए। जब रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ से संविधान में 27वें संशोधन की चर्चाओं पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि देश में राजनीतिक व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं हो रहा है, लेकिन ये भी कहा कि संविधान संशोधन एक विधायी प्रक्रिया है और पूर्व के संविधान संशोधनों की तरह 27वां संशोधन भी किया जा सकता है।
‘आसिम मुनीर की राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं’
प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और सेना प्रमुख की मुलाकात पर ख्वाजा आसिफ ने कहा कि इन मुलाकातों में कुछ भी असामान्य नहीं है और प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति और सेना प्रमुख सामान्य तौर पर हफ्ते में तीन बार मुलाकात करते हैं और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होती है। ख्वाजा आसिफ ने ये भी कहा कि ‘फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है। सेना प्रमुख पहले ही सेना में सर्वोच्च पद पर आसीन हैं और भारत के खिलाफ लड़ाई में उन्होंने काफी नाम कमाया है। उन्हें और किसी चीज की जरूरत नहीं है।’