एक बेटी, जिसने 18 गोल्ड मेडल जीते। एक उभरती हुई टेनिस स्टार, जिसने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का नाम रोशन किया। लेकिन वह नहीं जानती थी कि उसके अपने घर की दीवारों के भीतर ही उसकी सबसे बड़ी दुश्मनी पल रही थी — उसके अपने पिता के रूप में।
10 जुलाई, गुरुवार की दोपहर। राधिका यादव हमेशा की तरह रसोई में खाना बना रही थी। तभी पिता दीपक यादव ने पीठ पर तीन गोलियां दाग दीं। एक उभरती हुई एथलीट, जिसकी दुनिया सपनों से भरी थी, माँ की आंखों के सामने ही जिंदगी हार गई।
बेटी की कामयाबी पर पिता का ईगो हावी
49 वर्षीय दीपक यादव ने पुलिस पूछताछ में अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसने कहा कि गांव में लोग ताना मारते थे कि वह बेटी की कमाई खा रहा है, जिससे उसे गुस्सा आता था। राधिका की टेनिस अकैडमी से उसे चिढ़ थी, जो उसने चोट लगने के बाद शुरू की थी।
लेकिन हत्यारा बनने की असली वजह बना एक म्यूजिक वीडियो — जिसमें राधिका नजर आई थी। वीडियो था INAAM का गाना ‘कारवां’, जिसे एक साल पहले रिलीज किया गया था। दीपक को बेटी का इसमें शामिल होना पसंद नहीं आया। उसने राधिका से कहा कि वह यह वीडियो इंस्टाग्राम से डिलीट कर दे, लेकिन राधिका ने इंकार कर दिया। यही मना करना, तनाव की आखिरी कड़ी बन गया।
गोली मार दी, रिवॉल्वर छोड़ दी
दीपक यादव ने बेटी को ठंडे दिमाग से निशाना बनाया — तीन गोलियां पीठ में। जब राधिका ज़मीन पर गिरी, तो रिवॉल्वर ड्राइंग रूम में छोड़कर बाहर चला गया। ऊपर के फ्लोर पर रहने वाले चाचा और दीपक के भाई गोली की आवाज़ सुनकर दौड़े, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।
हॉस्पिटल पहुंची लेकिन…
राधिका को आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उस वक्त उसकी मां घर पर ही मौजूद थीं, लेकिन वे इस क्रूरता को रोक नहीं पाईं।
कौन थीं राधिका यादव?
• जन्म: 23 मार्च 2000
• पहचान: एक होनहार टेनिस खिलाड़ी
• इंटरनेशनल टेनिस फेडरेशन (ITF) की डबल्स रैंकिंग में 113वां स्थान
• हरियाणा की महिला डबल्स कैटेगरी में पांचवां स्थान
• 18 गोल्ड मेडल विजेता, जिसने अपनी मेहनत से पहचान बनाई
सवाल अब भी बाकी हैं
• क्या समाज के तानों ने एक बाप को इतना क्रूर बना दिया?
• क्या एक पिता की अहम की आग बेटी की जिंदगी से बड़ी हो गई?
• और मां चुप क्यों रही, जब बेटी की जिंदगी उजड़ रही थी?
राधिका की हत्या ने न केवल एक होनहार खिलाड़ी को हमसे छीन लिया, बल्कि पारिवारिक संबंधों की गहराई और विडंबनाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
ये सिर्फ एक मर्डर नहीं है, ये उस मानसिकता की हत्या है जिसमें बेटियां पिता की शान होती हैं।