भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की वरिष्ठ अधिकारी सुप्रिया साहू को संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) द्वारा 2025 का ‘चैंपियंस ऑफ द अर्थ’ (Champions of the Earth) सम्मान प्रदान किया गया है, जो कि संयुक्त राष्ट्र का सबसे प्रतिष्ठित पर्यावरण पुरस्कार है। यह घोषणा केन्या की राजधानी नैरोबी में आयोजित एक समारोह के दौरान की गई, जहां उन्हें प्रेरणा और कार्रवाई (Inspiration and Action) श्रेणी में यह सम्मान दिया गया।
सुप्रिया साहू वर्तमान में तमिलनाडु सरकार में पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और वन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव हैं और उन्होंने प्रशासनिक सेवा में लगभग 30 वर्ष से अधिक समय तक कार्य किया है। उनके अनुभव में प्लास्टिक प्रदूषण नियंत्रण, वन्यजीव संरक्षण, जलवायु अनुकूलन और प्रकृति आधारित समाधानों को लागू करना शामिल है, जिससे पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय समुदायों की जलवायु क्षमताओं को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान मिला है।
उनके नेतृत्व में तमिलनाडु जैसे कार्यक्रमों को सफलता मिली है जो 100 मिलियन से अधिक वृक्षारोपण, नए संरक्षित वनक्षेत्रों का निर्माण, मैंग्रोव क्षेत्र का विस्तार, और वाटरलैंड संरक्षण जैसे बड़े संरक्षण प्रयासों को आगे बढ़ाते हैं। इसके अतिरिक्त, सुप्रिया साहू की पहल सस्टेनेबल कूलिंग (sustainable cooling) परियोजनाओं के लिए विश्व स्तर पर एक मॉडल बन चुकी है, जिसमें सार्वजनिक भवनों में रोशनाई से कम तापमान हासिल करने के उपाय शामिल हैं।
UNEP के अनुसार, उनके कार्य से लगभग 12 मिलियन लोगों की जलवायु प्रतिरोध क्षमता मजबूत हुई है और लाखों ‘ग्रीन जॉब्स’ ( हरित रोजगार) सृजित हुए हैं, जिससे तमिलनाडु एक जलवायु अनुकूलन कार्य में अग्रणी राज्य के रूप में उभरा है। UNEP ने उनकी ऊर्जा दक्षता और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण को दुनिया भर के अन्य राज्यों के लिए प्रेरणादायक बताया है।
इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने सुप्रिया साहू को बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सम्मान न केवल तमिलनाडु बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है और इससे राज्य के पर्यावरणीय कार्यों को और अधिक बल मिलेगा।
सुप्रिया साहू का यह सम्मान पर्यावरण संरक्षण, जलवायु क्रिया और समुदाय आधारित स्थिरता प्रयासों के क्षेत्र में भारत की समर्पित भूमिका को वैश्विक मंच पर मान्यता देता है।





