कोलकाता में आयोजित विशाल गीता पाठ कार्यक्रम में लाखों लोगों की उपस्थिति ने शहर को अध्यात्म और सामूहिकता की एक अनोखी अनुभूति से भर दिया। शहर के प्रमुख मैदान में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई थी। सभी आयु वर्ग के लोग, परिवारों के साथ, संगठित रूप से एकत्र हुए और सामूहिक गीता पाठ में हिस्सा लिया। आयोजकों के अनुसार यह कोलकाता के इतिहास में पहली बार था, जब इतनी बड़ी संख्या में लोग एक स्थान पर एक साथ गीता के श्लोकों का पाठ करने के लिए पहुंचे।
कार्यक्रम के आयोजकों ने बताया कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य समाज में सद्भाव, शांति और आपसी भाईचारे को बढ़ावा देना है। उनका कहना था कि आज के तनावपूर्ण समय में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम लोगों को एकता का संदेश देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आयोजकों ने जोर देकर कहा कि गीता केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं है, बल्कि जीवन जीने की कला सिखाने वाला मार्गदर्शन है, जो समाज में सकारात्मकता और संतुलन स्थापित करने में मदद करता है।
पूरे कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा और व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन ने संभाली, जिससे विशाल भीड़ के बावजूद आयोजन शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित रूप से संपन्न हुआ। श्रद्धालुओं ने भी इस आयोजन को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि सामूहिक गीता पाठ ने उनके भीतर आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार किया और उन्हें एक बड़े सामूहिक प्रयास का हिस्सा बनने पर गर्व महसूस हुआ।
कार्यक्रम के सफल आयोजन के बाद आयोजकों ने संकेत दिया कि भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों को नियमित रूप से आयोजित करने पर विचार किया जाएगा, ताकि समाज में एकता और सद्भाव का संदेश निरंतर मजबूत होता रहे।





