Wednesday, July 23, 2025

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कोलंबिया यूनिवर्सिटी में फलस्तीन समर्थक छात्रों पर सख्त कार्रवाई: 80 निष्कासित, डिग्रियां भी रद्द

न्यूयॉर्क। कोलंबिया यूनिवर्सिटी ने फलस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन करने वाले छात्रों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 80 छात्रों को निष्कासित कर दिया है। इनमें से कुछ की डिग्रियां रद्द की गई हैं और कुछ को अनुशासनात्मक निगरानी में रखा गया है। यह कार्रवाई मई में मुख्य पुस्तकालय के भीतर प्रदर्शन और एलुमनाई वीकेंड के दौरान तंबू लगाने की घटनाओं के बाद की गई।

विश्वविद्यालय के अनुसार, प्रदर्शनकारियों की गतिविधियों ने शैक्षणिक माहौल को बाधित किया, जो संस्थान की नीतियों के खिलाफ है। हालांकि प्रशासन ने निष्कासित छात्रों के नाम सार्वजनिक नहीं किए हैं।

 

400 मिलियन डॉलर की फंडिंग वापसी की कोशिश में कार्रवाई

इस फैसले का समय भी अहम है, क्योंकि विश्वविद्यालय ट्रंप प्रशासन से 400 मिलियन डॉलर की फेडरल फंडिंग वापस पाने की कोशिश कर रहा है। यह फंड मार्च 2024 में रोक दिया गया था, जब प्रशासन ने आरोप लगाया था कि कोलंबिया अपने परिसर में यहूदी विरोधी गतिविधियों को नहीं रोक पा रहा

अब विश्वविद्यालय ने ट्रंप प्रशासन की कई मांगें मान ली हैं, जिनमें—

  • छात्र अनुशासन नीति में संशोधन,
  • यहूदी विरोध की नई परिभाषा को स्वीकार करना,
  • और विरोध प्रदर्शनों पर सख्त नियंत्रण—शामिल हैं।

 

कर्मचारियों की छंटनी और बजट में कटौती

ट्रंप प्रशासन की फंडिंग रोक से विश्वविद्यालय का बजट प्रभावित हुआ, जिसके चलते मई में करीब 180 कर्मचारियों की छंटनी की गई। इसमें वे कर्मचारी शामिल थे, जिनका वेतन संघीय अनुदान से आता था। रिसर्च प्रोजेक्ट्स में भी कटौती की गई है।

 

माफी मांगो या निष्कासन झेलो” – छात्रों को अल्टीमेटम

छात्र संगठनों का कहना है कि इस बार दी गई सजा अब तक की सबसे सख्त है।

  • जिन छात्रों को निलंबित किया गया है, उन्हें माफी मांगनी होगी, अन्यथा स्थायी निष्कासन का सामना करना होगा।
  • अपार्थेड डाइवेस्ट नामक छात्र संगठन ने विरोध जताते हुए कहा:

“हम डरने वाले नहीं हैं। हम फलस्तीन की आजादी के संघर्ष के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

 

छात्र आंदोलनों का केंद्र बना कोलंबिया

2024 के वसंत में इस्राइल-गाजा युद्ध को लेकर कोलंबिया यूनिवर्सिटी छात्र आंदोलनों का मुख्य केंद्र बन गई थी।

  • अप्रैल में छात्रों ने तंबू लगाए और एक इमारत पर कब्जा कर लिया।
  • इसके बाद देशभर के विश्वविद्यालयों में फलस्तीन समर्थक प्रदर्शन फैल गए।

राष्ट्रपति ट्रंप ने जनवरी में व्हाइट हाउस लौटने के बाद ऐसे विश्वविद्यालयों की फंडिंग रोक दी, जिन पर यहूदी विरोध को सहन करने का आरोप लगा।

 

कानूनी कार्रवाई भी शुरू

कुछ छात्रों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की गई है।

  • स्नातक छात्र महमूद खलील, जिन्हें मार्च में प्रदर्शन में भाग लेने पर गिरफ्तार किया गया, उन्होंने ट्रंप प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर किया है।
  • उनका आरोप है कि उन्हें झूठे आरोपों, गलत गिरफ्तारी और यहूदी विरोधी ठहराने के तहत निशाना बनाया गया।

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