कोरोना महामारी को ध्यान में रखें तो भारतीय अर्थव्यवस्था ने लचीलेपन का प्रदर्शन किया है और औसत वास्तविक जीडीपी वृद्धि 8.1 प्रतिशत तक पहुंच गई है। विकास दर में यह तेजी महामारी से पहले की अवधि में रही 5.7 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि से काफी अधिक है।
एसबीआई रिसर्च के ताजा आंकड़ों पर नजर डालें तो जीडीपी में हुई 235 आधार अंकों की वृद्धि में से महाराष्ट्र 56 और उत्तर प्रदेश 40 आधार अंकों का योगदान देकर अग्रणी राज्य बनकर उभरे हैं। जबकि शेष 90 आधार अंकों को योगदान अन्य राज्यों ने दिया है। राज्यों के सकल घरेलू उत्पाद पर नजर डालें तो गुजरात ने इस दौरान अपने आर्थिक उत्पादन को उल्लेखनीय रूप से दोगुना कर लिया।
इसके बाद कर्नाटक, असम, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, सिक्किम और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों ने भी महत्वपूर्ण प्रगति दर्ज की। रिपोर्ट कई राज्यों में प्रति व्यक्ति आय में होने वाली वृद्धि को दिखाती है। गुजरात में प्रति व्यक्ति आय में 1.9 गुना की वृद्धि देखी गई। कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और असम में भी प्रति व्यक्ति आय में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। गुजरात, कर्नाटक और तेलंगाना ने प्रति व्यक्ति आय के मामले में अन्य राज्यों से बेहतर प्रदर्शन किया है। जहां उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार और मध्य प्रदेश जैसे कुछ राज्यों में प्रति व्यक्ति आय में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं हुई है।
वहीं झारखंड, राजस्थान, बंगाल, महाराष्ट्र, पंजाब, दिल्ली और गोवा जैसे अन्य राज्यों में प्रति व्यक्ति आय में गिरावट दर्ज की गई है। रिपोर्ट में कोरोना महामारी के बाद राज्यव्यापी असमानता में कमी की बात भी कही गई है। निष्कर्षों पर टिप्पणी करते हुए एसबीआई रिसर्च टीम ने सभी राज्यों में आर्थिक विकास की गति को बनाए रखने और बढ़ाने के लिए निरंतर समर्थन के महत्व पर जोर दिया है। उन्होंने क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करने और समावेशी विकास रणनीतियों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहयोगात्मक प्रयासों की आवश्यकता पर भी जोर दिया।