कोटद्वार। कोटद्वार-सतपुली-गुमखाल राष्ट्रीय राजमार्ग पर सड़क चौड़ीकरण कार्य में जुटे नेपाली श्रमिकों के डेरे पर एक बार फिर गुलदार ने हमला कर लोगों की नींद उड़ा दी। बीती देर रात गुलदार ने टेंट में सो रहे एक नौ वर्षीय बच्चे को बाहर खींचने का प्रयास किया। हालांकि पिता की सतर्कता और आसपास मौजूद लोगों की मदद से बच्चा बच गया, लेकिन उसके हाथ पर गंभीर घाव आए हैं।
जानकारी के अनुसार, घटना गुरुवार रात करीब 11:30 बजे गुमखाल के समीप हुई। नेपाली श्रमिक अपने परिवारों के साथ टेंट में रह रहे हैं। टेंट के भीतर बच्चा अपने माता-पिता के बीच सो रहा था। अचानक गुलदार ने टेंट के बाहर से झपट्टा मारा और बच्चे का हाथ दबोच लिया। गुलदार बाहर से बच्चे को खींचने की कोशिश करता रहा, वहीं पिता ने पूरी ताकत से बेटे को दबोचे रखा। शोरगुल सुनते ही आस-पास के लोग टेंटों से बाहर निकल आए। भीड़ और शोर सुनकर गुलदार बच्चे को छोड़कर जंगल की ओर भाग गया।
हमले में घायल बच्चे को उपचार के लिए सतपुली अस्पताल ले जाया गया। फिलहाल उसकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।
दो दिन पूर्व मासूम को बनाया था निवाला
यह पहली घटना नहीं है। दो दिन पूर्व ही सतपुली मल्ली के समीप नेपाली श्रमिकों के डेरे से गुलदार तीन वर्षीय विवेक ठाकुर पुत्र रमेश को उठा ले गया था। अगले दिन विवेक का अधखाया शव डेरे से लगभग 200 मीटर दूर बरामद हुआ। उस घटना के बाद प्रशासन ने श्रमिकों के डेरों को अन्यत्र शिफ्ट कराया था। डेरा पुराने स्थान से करीब दो किलोमीटर आगे गुमखाल की तरफ शिफ्ट किया गया, लेकिन यहां भी गुलदार ने हमला कर दहशत फैला दी।
वन विभाग की टीम सक्रिय
लगातार हो रहे हमलों से स्थानीय लोग भयभीत हैं। गुलदार को पकड़ने के लिए वन विभाग ने क्षेत्र में पिंजरे लगाए हैं और चार ट्रैप कैमरे भी इंस्टॉल किए गए हैं। बावजूद इसके अब तक गुलदार को पकड़ा नहीं जा सका है।
ग्रामीणों का कहना है कि गुलदार आए दिन बाजार, खेतों और मंदिरों के आसपास घूमता नजर आता है। इससे लोगों में गहरी दहशत है। लोग शाम ढलते ही घरों से बाहर निकलने से कतरा रहे हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग से गुलदार को शीघ्र पकड़ने और सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की मांग की है।