केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार बिहार को लेकर संजीदा है, यह शनिवार को संसद में पेश 2025-26 के बजट में साफ दिख गया। पिछले केंद्रीय बजट के मुकाबले इस बार ज्यादा मेहरबानी दिखने की एक वजह इस साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव भी हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाईटेड का केंद्र सरकार में योगदान भी बजट (Budget 2025) में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मेहरबानी की एक वजह है। वजह जो हो, कई पुराने घाव इस बजट ने भरे हैं। बिहार के लिए कई योजनाएं तो आई ही, कोसी-मिथिला क्षेत्र को राहत देने की खबर भी इस बजट के जरिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने दी। वित्त मंत्री ने मिथिलांचल में वेस्टर्न कोशी कैनाल प्रोजेक्ट का प्रस्ताव पेश किया है। इन प्रोजेक्ट के लिए आर्थिक मदद की जाएगी। इससे यहां के किसानों को फायदा होगा। 50 हजार हैक्टेयर जमीन को सिंचाई का फायदा मिलेगा। इससे बाढ़ की त्रासदी को घटाने में भी मदद मिलेगी। इसके अलावा, मिथिलांचल-कोसी की पहचान ‘मखाना’ से जुड़ी एक बड़ी घोषणा केंद्रीय बजट में की गई। वित्त मंत्री ने बिहार में मखाना बोर्ड का प्रस्ताव रखा। मखाना की मार्केटिंग के लिए यह बोर्ड बनाया जाएगा। अबतक कोसी-मिथिलांचल में मखाना उत्पादन करने वाले किसानों के लिए बाजार का पूरा सिस्टम नहीं है। इस बोर्ड के जरिए मखाना किसानों को सीधा बाजार उपलब्ध कराया जाएा। वित्त मंत्री ने कहा कि कोशिश की जाएगी कि सभी सरकारी योजना का फायदा इन किसानों को मिले। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि मखाना (फॉक्स नट) के उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन में सुधार के लिए बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना की जाएगी। वित्त मंत्री ने केंद्रीय बजट 2025-26 पेश करते हुए कहा, ‘मखाना किसानों को सहायता और प्रशिक्षण सहायता और यह सुनिश्चित करने के लिए भी काम किया जाएगा कि उन्हें सभी प्रासंगिक सरकारी योजनाओं का लाभ मिले।बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव आगामी चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार को घेरने की तैयारी में हैं और इस बजट में उस घेराव को कमजोर करने की भी तैयारी दिख रही है। बजट में बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी और उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान बनाने के साथ फुटवियर-चमड़ा उद्योग को बढ़ाने का प्रस्ताव इसका एक प्रमाण है। राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी और उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान बिहार के कृषि उत्पादों को अलग तरह का बाजार उपलब्ध कराने में मदद करेगा। बिहार के अनाज से यहीं कई तरह के उत्पाद तैयार होंगे और इससे रोजगार की भी बड़ी संभावनाएं सामने आएंगी। वित्त मंत्री ने भी कहा कि पूर्वी क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण क्षमताएं मजबूत करने में मदद मिलेगी। यह किसानों के उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाकर उनकी आय में बढ़ोत्तरी करेगा। साथ ही युवाओं के लिए हुनर, उद्यमिता और रोजगार प्राप्त करने के अवसर पैदा करेगा। वित्त मंत्री ने फुटवियर और चमड़ा उद्योगों को बढ़ावा देने और 22 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद जताई।





