Tuesday, December 2, 2025

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केंद्रीय गृह मंत्रालय का विशेष तंत्र, जो ‘साइबर क्राइम’ से करता है मुकाबला; 131.60 करोड़ रुपये के फंड से मजबूत हुई क्षमता

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश में बढ़ते साइबर अपराधों पर नियंत्रण के लिए एक विशेष और संगठित तंत्र तैयार किया है, जो राष्ट्रीय स्तर पर साइबर अपराध की रोकथाम, जांच और समन्वित कार्रवाई को मजबूत करता है। मंत्रालय का यह ढांचा न केवल अपराधियों को ट्रैक करने में सक्षम है, बल्कि राज्यों के बीच सूचना साझेदारी, तकनीकी सहायता और त्वरित कार्रवाई जैसी महत्वपूर्ण आवश्यकताओं को भी पूरा करता है।

पिछले कुछ वर्षों में साइबर धोखाधड़ी, डेटा चोरी, ऑनलाइन आर्थिक अपराध, और डिजिटल माध्यम से किए जा रहे अन्य आपराधिक गतिविधियों में तेज वृद्धि देखी गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए गृह मंत्रालय ने ‘इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C)’ को विकसित किया है, जो देशभर में साइबर अपराध से निपटने के लिए एक केंद्रीय नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करता है। यह तंत्र न केवल जांच एजेंसियों को तकनीकी समर्थन देता है, बल्कि आम नागरिकों को भी साइबर अपराध की रिपोर्टिंग और समाधान की सुविधा उपलब्ध कराता है।

सरकार ने इस तंत्र को और प्रभावी बनाने के लिए 131.60 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है। इस बजट का उपयोग उन्नत तकनीक, अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर, डेटा विश्लेषण प्रणालियों, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और राज्यों में साइबर पुलिस स्टेशनों को मजबूत करने जैसे कार्यों पर किया जा रहा है। इससे साइबर अपराधों पर त्वरित प्रतिक्रिया और डिजिटल सुरक्षा तंत्र में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सकेगी।

मंत्रालय के मुताबिक, यह तंत्र न केवल मौजूदा चुनौतियों से निपटने में कारगर है, बल्कि भविष्य में विकसित होने वाले हाई-टेक साइबर अपराधों से मुकाबला करने के लिए भी तैयार किया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ते डिजिटल लेनदेन और ऑनलाइन गतिविधियों के बीच साइबर सुरक्षा अब राष्ट्रीय सुरक्षा का अहम हिस्सा बन चुकी है, और गृह मंत्रालय की इस पहल से देश की साइबर सुरक्षा रीढ़ और मजबूत होगी।

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