पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने सोमवार को कहा कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम किसी की नागरिकता नहीं छीनता है, उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में हिंदू शरणार्थी इसे लागू करने के केंद्र के कदम से खुश हैं। सीएए अधिसूचना पर सीपीआई (एम) नेता मोहम्मद सलीम ने कहा, ‘नियमों को अधिसूचित करने में पांच साल लग गए। इसमें देरी क्यों हुई? लोग नौकरियां और शिक्षा चाहते हैं और कीमतों में वृद्धि की समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है।’ मोदी सरकार भावनात्मक मुद्दे उठाने में विफल रही है। अब, चुनाव से पहले अंतिम उपाय के रूप में, वे इन नियमों की घोषणा कर रहे हैं।’ शुभेंदु अधिकारी ने बताया, ‘पश्चिम बंगाल में हिंदू शरणार्थी बहुत खुश हैं। यह बहुत अच्छा कदम है। यह किसी की नागरिकता छीनने का प्रयास नहीं है। ममता बनर्जी भ्रम पैदा करने की बहुत कोशिश करती हैं। यह कानून बहुत स्पष्ट है। यह नागरिकता देने का कानून है, छीनने का नहीं।’ गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से कुछ दिन पहले सोमवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के कार्यान्वयन के लिए नियमों की अधिसूचना की घोषणा की।