नई दिल्ली/मुंबई। विजय माल्या की बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के हजारों पूर्व कर्मचारियों के लिए लंबे इंतजार के बाद खुशखबरी आई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कंपनी की कुर्क की गई संपत्तियों से प्राप्त 312 करोड़ रुपये की राशि आधिकारिक तौर पर लौटा दी है। इस राशि का उपयोग एयरलाइंस के उन कर्मचारियों के बकाये वेतन (Arrears) और अन्य वैधानिक देयताओं के निपटान के लिए किया जाएगा, जो पिछले कई वर्षों से अपनी मेहनत की कमाई के लिए संघर्ष कर रहे थे।
ED की बड़ी कार्रवाई और फंड की वापसी
विजय माल्या द्वारा बैंकों के साथ की गई धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के दौरान ED ने माल्या की कई अचल संपत्तियों और शेयरों को कुर्क किया था।
- संपत्ति की लिक्विडेशन: अदालती आदेशों के बाद, कुर्क की गई इन संपत्तियों को बेचकर धन जुटाया गया है।
- कर्मचारियों को प्राथमिकता: सुप्रीम कोर्ट और संबंधित न्यायाधिकरणों के निर्देशों के तहत, बैंकों के साथ-साथ कर्मचारियों के वेतन भुगतान को प्राथमिकता दी जा रही है।
- बैंकों को भी राहत: इससे पहले भी ED ने ऋण देने वाले बैंकों (Consortium of Banks) को हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति हस्तांतरित की थी।
कर्मचारियों का लंबा संघर्ष
2012 में किंगफिशर एयरलाइंस के जमीन पर आने (बंद होने) के बाद लगभग 3,000 से अधिक कर्मचारी सड़क पर आ गए थे। कई पायलटों, इंजीनियरों और केबिन क्रू सदस्यों का महीनों का वेतन बकाया था।
- कानूनी लड़ाई: कर्मचारियों के संगठनों ने वर्षों तक अदालतों के चक्कर काटे ताकि माल्या की जब्त संपत्तियों से उनका हक मिल सके।
- मानवीय राहत: यह 312 करोड़ रुपये की राशि उन परिवारों के लिए एक बड़ा सहारा बनेगी जिन्होंने कंपनी बंद होने के बाद गंभीर आर्थिक तंगी झेली थी।
- विजय माल्या का मामला: भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण (Extradition) की प्रक्रिया अभी भी लंदन में चल रही है, जबकि भारत में उसकी संपत्तियों से वसूली का काम तेजी से जारी है।
आगे की प्रक्रिया
ED द्वारा लौटाई गई यह राशि अब संबंधित लिक्विडेटर (Official Liquidator) के पास जाएगी, जो कर्मचारियों के दावों का सत्यापन (Verification) करने के बाद सीधे उनके बैंक खातों में पैसा हस्तांतरित करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे।





