उष्णकटिबंधीय तूफान काजिकी (Kajiki)के आने के बाद से दक्षिण-पूर्व एशिया खास तौर पर वियतनाम और थाईलैंड में भारी बारिश हो रही है। जिसके चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इतना ही नहीं बारिश के कारण वियतनाम और थाईलैंड के कई हिस्सों में बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इन चरम मौसमी स्थितियों के कारण कम आठ लोगों की मौत हो गई।
वियतनाम के उत्तरी और मध्य प्रांतों में सबसे ज्यादा तबाही
वियतनाम के उत्तरी और मध्य प्रांतों में सबसे ज्यादा तबाही देखी गई। वहां की सरकारी मीडिया के बारिश और बाढ़ के कारण सात लोगों की मौत हो गई। वहीं एक व्यक्ति लापता है और 34 लोग घायल हुए हैं। इतना ही नहीं कई इलाकों में बीती रात करीब 20 सेंटीमीटर (8 इंच) बारिश दर्ज की गई। सरकार ने नदियों के किनारे वाले इलाकों में रहने वालों के लिए चेतावनी जारी की है। इन इलाकों पर अब भी बाढ़ का खतरा बना हुआ है।
छह लाख लोगों को सुरक्षित जगह ले जाया जा रहा
वियतनाम सरकार ने भारी बारिश के चलते थान होआ, क्वांग त्रि, ह्यू और दानंग प्रांतों में लगभग 600,000 लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने की योजना बनाई है। तूफान के असर से इन इलाकों में बड़ी संख्या में घर उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में हैं। यही वजह है कि सरकार लोगों को प्रभावित इलाकों से निकाल रही है। इस काम में सरकार ने 16,500 से ज़्यादा सैनिक और 107,000 अर्धसैनिक बल के जवानों को लगाया है।
थाईलैंड में भूस्खलन से एक की मौत
वहीं, थाईलैंड में उत्तरी शहर चियांग माई में भूस्खलन की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि एक अन्य लापता है। देश के आपदा रोकथाम और शमन विभाग ने बताया कि कई घर बाढ़ से प्रभावित हुए और कुछ लोग घायल भी हुए हैं। थाईलैंड के मौसम विज्ञान विभाग ने उत्तरी और उत्तर-पूर्वी इलाकों में और भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। निचले इलाकों और पहाड़ियों के पास रहने वालों को अचानक बाढ़ और भूस्खलन से सावधान रहने के निर्देश दिए गए हैं।
सोमवार को वियतनाम के मध्य हिस्से से टकराया था काजिकी
गौरतलब है कि उष्णकटिबंधीय तूफान काजिकी सोमवार दोपहर को वियतनाम के मध्य हिस्से से टकराया था। तूफान ने होर्डिंग और कई इमारतों की छतें उड़ा दीं, पेड़ उखड़ गए और बिजली के खंभे गिर गए। इससे पहले यह तूफान चीन के हैनान द्वीप से टकराकर वहां भी तेज हवाएं और बारिश लाया था।
जलवायु परिवर्तन के चलते दक्षिण पूर्व एशिया में ज्यादा आएंगे तूफान
वैज्ञानिकों ने पिछले साल एक प्रकाशित अध्ययन में चेतावनी दी थी कि जलवायु परिवर्तन से गर्म हुए समुद्रों के परिणामस्वरूप दक्षिण पूर्व एशिया के चक्रवात जमीन के करीब बनेंगे, वे तेज़ी से मजबूत होंगे और लंबे समय तक चलेंगे, जिससे शहरों के लिए जोखिम बढ़ जाएगा।