नई दिल्ली। कांग्रेस ने मोदी सरकार की विदेश नीति को लेकर एक बार फिर निशाना साधा है। पार्टी ने कहा है कि पिछले 20 महीनों से फलस्तीन मुद्दे पर भारत का रुख न केवल शर्मनाक है बल्कि नैतिक रूप से कायरतापूर्ण भी साबित हुआ है। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की पारंपरिक भूमिका और ऐतिहासिक विरासत से मुंह मोड़ लिया है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने रविवार को प्रेस वार्ता में कहा कि आज जब गाजा और वेस्ट बैंक में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं, तब भारत सरकार की चुप्पी और अस्पष्ट रुख अंतरराष्ट्रीय समुदाय में हमारी साख को नुकसान पहुंचा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से फलस्तीन की आज़ादी और अधिकारों का प्रबल समर्थक रहा है, लेकिन बीते 20 महीनों से सरकार ने उस नीति को किनारे रख दिया है।
पार्टी का कहना है कि मोदी सरकार की यह नीति अंतरराष्ट्रीय दबाव और कुछ देशों से नजदीकियों का नतीजा है। कांग्रेस नेताओं ने सवाल उठाया कि आखिर किस वजह से भारत अब फलस्तीन के मुद्दे पर मजबूती से अपनी बात नहीं रख पा रहा है? उन्होंने कहा कि यह स्थिति न सिर्फ कूटनीतिक असफलता है बल्कि नैतिक मूल्यों से भी विचलन है।
कांग्रेस ने सरकार से मांग की है कि वह जल्द से जल्द अपने रुख को स्पष्ट करे और फलस्तीन मुद्दे पर भारत की पारंपरिक नीति को दोहराए। पार्टी का कहना है कि भारत को उन देशों की कतार में खड़ा नहीं होना चाहिए जो केवल रणनीतिक हितों के लिए मानवाधिकार और न्याय जैसे मूलभूत सिद्धांतों की अनदेखी कर रहे हैं।





