किन्शासा। अफ्रीकी देश कांगो में विद्रोहियों ने एक बार फिर खूनी खेल खेला है। उत्तरी-पूर्वी प्रांत इतुरी में हुए इस भीषण हमले में कम से कम 60 लोगों की मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय प्रशासन के मुताबिक, हमलावरों ने ग्रामीणों को पहले एक जगह इकट्ठा किया और फिर बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया।
स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि यह हमला कुख्यात विद्रोही संगठन एडीएफ (एलाइड डेमोक्रेटिक फोर्सेज) से जुड़े आतंकियों ने किया है। हमलावर हथियारों से लैस होकर गांव में घुसे और महिलाओं, बच्चों व बुजुर्गों तक को नहीं बख्शा। बड़ी संख्या में लोग गंभीर रूप से घायल हैं, जिन्हें नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। कई की हालत नाजुक बताई जा रही है।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हमलावरों ने ग्रामीणों को पहले यह कहकर बुलाया कि उन्हें सुरक्षा संबंधी जानकारी दी जाएगी। लेकिन जैसे ही लोग जमा हुए, उन पर गोलियां और धारदार हथियारों से हमला कर दिया गया। मरने वालों में अधिकांश स्थानीय किसान और उनके परिवार शामिल हैं।
कांगो सरकार ने इस नरसंहार की कड़े शब्दों में निंदा की है और सेना को तुरंत क्षेत्र में भेजा गया है। सुरक्षाबलों ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। सेना का कहना है कि यह हमला नागरिकों में दहशत फैलाने और स्थानीय आबादी को पलायन के लिए मजबूर करने की सोची-समझी साजिश है।
संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन ने भी इस हमले को लेकर गहरी चिंता जताई है। यूएन अधिकारियों ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय कांगो के साथ खड़ा है और निर्दोष नागरिकों की हत्या करने वाले दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाना चाहिए।
गौरतलब है कि कांगो के पूर्वी इलाकों में लंबे समय से एडीएफ समेत कई विद्रोही गुट सक्रिय हैं। ये गुट स्थानीय लोगों से जबरन वसूली, हत्याएं और अपहरण जैसी वारदातों में लिप्त रहते हैं। हाल के वर्षों में विद्रोही हमलों की वजह से हजारों लोग मारे जा चुके हैं और लाखों लोग विस्थापित हुए हैं।
इस ताजा हमले ने एक बार फिर कांगो में सुरक्षा हालात की गंभीरता को उजागर कर दिया है और वहां के लोगों में गहरी दहशत फैला दी है।