कर्नाटक में किसानों की आत्महत्या का गंभीर मुद्दा एक बार फिर सामने आया है, जहां राज्य सरकार ने विधानसभा में जानकारी देते हुए बताया कि पिछले तीन वर्षों में प्रदेश में करीब 2,800 किसानों ने आत्महत्या की है। सरकार द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार कर्ज का बोझ, फसल नुकसान, सूखा, कम उपज और बाजार में उचित मूल्य न मिलना किसानों की आत्महत्या के प्रमुख कारण रहे हैं। विपक्ष ने इन आंकड़ों को चिंताजनक बताते हुए सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए और किसानों के लिए राहत योजनाओं को और प्रभावी बनाने की मांग की। सरकार की ओर से कहा गया कि किसानों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं लागू की जा रही हैं, जिनमें कर्ज माफी, फसल बीमा और आर्थिक सहायता शामिल है। साथ ही सरकार ने भरोसा दिलाया कि किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे, ताकि इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।
कर्नाटक में 3 साल में 2800 किसानों ने की आत्महत्या, राज्य सरकार ने विधानसभा में पेश किए आंकड़े





