Thursday, October 30, 2025

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‘कर्नाटक का पैसा, वायनाड का प्रचार’— KSTDC के विज्ञापन को लेकर सिद्धारमैया सरकार पर भाजपा का हमला तेज

बेंगलुरु। कर्नाटक पर्यटन विकास निगम (KSTDC) के एक विज्ञापन को लेकर प्रदेश की राजनीति में नया विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि उन्होंने कर्नाटक की सरकारी एजेंसी के पैसे से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र वायनाड (केरल) का प्रचार किया है। पार्टी ने इसे “सरकारी धन का दुरुपयोग” और “राजनीतिक स्वार्थ के लिए सरकारी संस्थानों का इस्तेमाल” बताया है।

दरअसल, हाल ही में KSTDC की ओर से जारी एक प्रचार विज्ञापन में केरल के वायनाड के पर्यटन स्थलों को प्रमुखता से दिखाया गया। भाजपा नेताओं ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि कर्नाटक की जनता के टैक्स से चलने वाले निगम का उद्देश्य राज्य के पर्यटन को बढ़ावा देना है, न कि किसी अन्य राज्य का प्रचार।

कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने कहा, “यह साफ तौर पर कांग्रेस की राजनीतिक मंशा का उदाहरण है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया राहुल गांधी को खुश करने के लिए कर्नाटक की एजेंसियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। वायनाड का प्रचार करने के लिए KSTDC का बजट खर्च किया जा रहा है, जो जनता के साथ धोखा है।”

पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह “प्रशासनिक संसाधनों के दुरुपयोग” का मामला है और इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार विकास कार्यों के बजाय प्रचार राजनीति में व्यस्त है।

वहीं, कांग्रेस नेताओं ने भाजपा के आरोपों को निराधार बताया है। पार्टी प्रवक्ता ने सफाई दी कि विज्ञापन का उद्देश्य दक्षिण भारत के संयुक्त पर्यटन सर्किट को बढ़ावा देना था, जिसमें वायनाड सहित आसपास के अन्य क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है। प्रवक्ता ने कहा, “यह राजनीतिक नहीं, बल्कि क्षेत्रीय पर्यटन को प्रोत्साहित करने की पहल है।”

हालांकि, विवाद बढ़ता देख KSTDC ने विज्ञापन की समीक्षा के आदेश दिए हैं। निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अगर विज्ञापन में किसी प्रकार की त्रुटि या गलत संदेश गया है तो उसे तुरंत सुधारा जाएगा।

राजनीतिक गलियारों में इस विवाद ने गर्मी बढ़ा दी है। भाजपा इसे कांग्रेस सरकार की ‘राजनीतिक नीयत’ से जोड़ रही है, जबकि कांग्रेस इसे ‘पर्यटन सहयोग’ की पहल बता रही है। अब देखना होगा कि इस विवाद पर सरकार क्या कदम उठाती है।

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