कराची।
पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची में गुरुवार को एक घनी आबादी वाले इलाके में जोरदार धमाका हुआ। यह हादसा ताज मेडिकल कॉम्प्लेक्स के पास स्थित तीन मंजिला इमारत के बेसमेंट में बने गोदाम में हुआ। धमाके में दो लोगों की मौत हो गई और 33 लोग घायल हो गए।
धमाके से मची अफरा-तफरी
पुलिस सर्जन डॉ. सुम्मैया सय्यद के अनुसार, जिन्ना पोस्टग्रेजुएट मेडिकल सेंटर में 20 घायलों को भर्ती कराया गया, जिनमें दो की हालत नाजुक है। 14 अन्य घायलों का इलाज सिविल हॉस्पिटल कराची में चल रहा है। मृतकों में एक 16 वर्षीय किशोर भी शामिल है।
धमाका इतना जोरदार था कि इमारत का एक हिस्सा ढह गया। आसपास की इमारतों के शीशे टूट गए और मलबा नीचे खड़ी गाड़ियों पर गिरा।
गोदाम में रखा था विस्फोटक सामान
रेस्क्यू 1122 के प्रवक्ता ने बताया कि गोदाम में पटाखों का कच्चा माल रखा था, जिससे आग लगने के बाद धमाका हुआ। हालांकि सीटीडी अधिकारी राजा उमर खट्टब ने दावा किया कि गोदाम में केवल पटाखों का सामान नहीं, बल्कि विस्फोटक सामग्री भी मौजूद थी। उन्होंने चेताया कि पटाखों में इस्तेमाल कच्चा माल बम बनाने में भी उपयोग किया जा सकता है।
रिहायशी इलाके में अवैध गोदाम
खट्टब ने कहा कि कानून के तहत 50 किलोग्राम तक पटाखों का स्टॉक कुछ शर्तों पर रखा जा सकता है। लेकिन सिंध में इस तरह के उत्पादन और आयात के लिए कोई वैधानिक व्यवस्था नहीं है। उनका कहना था कि गोदाम पूरी तरह अवैध रूप से रिहायशी इलाके में संचालित किया जा रहा था।
बचाव कार्य में दिक्कत
धमाके के बाद लगी आग बार-बार भड़क रही थी, जिस पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड की 12 गाड़ियाँ मौके पर भेजी गईं। गाढ़े धुएं की वजह से राहत और बचाव कार्य प्रभावित हुआ। इस बीच कराची ट्रैफिक पुलिस ने एमए जिन्ना रोड बंद कर दिया और यातायात को अन्य मार्गों पर डायवर्ट किया।
मुख्यमंत्री का निर्देश
सिंध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह ने घायलों को तत्काल इलाज उपलब्ध कराने और हादसे की विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि आबादी वाले इलाकों में इस तरह का सामान रखना सख्त गैरकानूनी और खतरनाक है।
यह हादसा कराची के लांढी स्थित एक्सपोर्ट प्रोसेसिंग ज़ोन में हाल ही में लगी भीषण आग के कुछ हफ्तों बाद हुआ है, जिसमें आठ लोग घायल हुए थे।