इन दिनों पाकिस्तान के सिंध प्रांत के लोगों की रातें आपदा के साये में कट रही हैं। पाकिस्तान के प्रमुख शहरों में शुमार कराची में जून महीने में 60 बार धरती कांप चुकी है। यहां जून में आए भूकंप के झटके भले ही कम तीव्रता वाले रहे हों, लेकिन लोगों में दहशत बढ़ गई है। कराची के मेयर मुर्तजा वहाब का कहना है कि दो से 22 जून के बीच आए लगातार भूकंप के झटकों के बाद लोग बेचैन हैं। उनको आपदा का डर सता रहा है।पाकिस्तान के मौसम विभाग का कहना है कि कराची में कम तीव्रता वाले भूकंप के 33 झटके मलीर के नजदीकी इलाकों में दर्ज किए गए। इसके अलावा कायदाबाद, लांधी, गदप, डीएचए सिटी और डीएचए कराची और कोरंगी में भी धरती कांपी। दो जून को कम से कम 10 बार भूकंप के झटके आए। जबकि इसके अगले दिन एक दर्जन झटके महसूस किए गए। वहीं तीन तीव्रता से अधिक वाले छह भूकंप 22 जून को दर्ज किए गए।लांधी में एक कपड़ा फैक्टरी में काम करने वाले जहीर उल हसन ने कहा कि हम जानते हैं कि हमें कैसा महसूस हुआ। हम जमीन को हिलता हुआ महसूस कर सकते थे और हमें कुछ बुरा होने की आशंका थी, लेकिन कुछ सेकंड के बाद झटके कम हो गए। जब इतने सारे झटके आते हैं तो जाहिर है कि आप तनाव बढ़ता है।
लांधी में रहने वाले फैजान कादरी कहते हैं कि दो से 22 जून के बीच उन्होंने कम से कम 40 भूकंप के झटके महसूस किए हैं। लगातार आ रहे भूकंप के झटकों ने लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित किया है। मलीर निवासी निगहत खान ने कहा कि हर बार जब भी भूकंप आता था, चाहे दिन हो या रात, हम अपने परिवार के साथ घरों से बाहर निकल आते थे और मदद के लिए प्रार्थना करते थे।
मुख्य मौसम विज्ञानी अमीर हैदर लेघारी और समुद्री भूविज्ञानी आसिफ इनाम ने पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर और वित्तीय केंद्र कराची में बड़े भूकंप की संभावना को कम कर दिया है। लेघारी और इनाम ने माना कि इतनी लंबी अवधि तक कम तीव्रता वाले भूकंपों का आना असामान्य है। उन्होंने कहा कि तटीय शहर कराची कई सक्रिय और निष्क्रिय फॉल्ट लाइनों के करीब है। हाल की भूकंपीय घटनाएं क्षेत्र की प्राकृतिक टेक्टोनिक हलचलों से हुई हैं। उन्होंने कहा कि अफसरों को भवन संहिता का सख्ती से पालन करना चाहिए। कराची में पुरानी इमारतों की समीक्षा करनी चाहिए और अनधिकृत भूजल निष्कर्षण को रोकना चाहिए।