डेमोक्रेट और रिपब्लिकन खेमा अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में एक दूसरे पर निशाना साधने का कोई मौका गंवाना नहीं चाहता। मतदान में केवल तीन दिन बाकी हैं। छह करोड़ से अधिक लोग अर्ली वोटिंग के अधिकार का इस्तेमाल कर अपना वोट डाल चुके हैं। पांच नवंबर को होने वाले मतदान से पहले भारतवंशी प्रत्याशी कमला हैरिस ने कहा है कि उनके प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी जनता को एक दूसरे के खिलाफ खड़ा करने का प्रयास कर रहे हैं। कमला हैरिस ने इस बात पर भी जोर दिया कि भले ही ट्रंप पूर्व राष्ट्रपति रह चुके हैं, लेकिन अमेरिका उनसे बेहतर प्रशासक का हकदार है। कमला हैरिस ने शुक्रवार (अमेरिकी समयानुसार) को कहा कि राष्ट्रपति बनने के बाद वे जटिल मुद्दों पर सामान्य ज्ञान पर आधारित समाधान की प्रक्रिया अपनाने पर जोर देंगी। उन्होंने कहा कि उनकी नीतियां अमेरिका के सभी नागरिकों के लिए होंगी, न कि किसी खास वर्ग को संतुष्ट करने वाली। बकौल कमला हैरिस, ट्रंप जो पेशकश कर रहे हैं, अमेरिका इससे बेहतर का हकदार है। उन्होंने कहा, अमेरिका को एक ऐसे राष्ट्रपति की जरूरत है जो देश की जनता के साथ-साथ बाकी दुनिया के लिए हमारी भूमिका और जिम्मेदारी को समझे और एक आदर्श बने। विस्कॉन्सिन में संवाददाताओं से बात करते हुए हैरिस ने कहा, आपने मुझे कई बार कहते सुना है, अमेरिकी लोगों के प्रति मेरी प्रतिज्ञा है कि मैं उन लोगों की भी सुनूंगी, जो मुझसे असहमत हैं, विशेषज्ञों की बात सुनूंगी।’
बकौल कमला हैरिस, ‘डोनाल्ड ट्रंप का अंतिम तर्क बहुत अलग है। वह अमेरिकियों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करते हैं। वह अमेरिकियों को एक-दूसरे पर उंगली उठाने के लिए उकसाने में पूरा समय बिताते हैं। और वह अपने राजनीतिक विरोधियों से बदला लेने की योजना बनाने में काफी समय बिताते हैं। वह राजनीतिक विरोधियों को दुश्मन मानते हैं।’
कमला हैरिस के मुताबिक पिछली रात तक, ट्रंप ने संकेत दिया है कि अमेरिकी लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवा का प्रभारी कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो ‘नियमित रूप से जंक साइंस और सनक पर आधारित साजिश जैसे सिद्धांतों को बढ़ावा देता है। यह वही शख्स होगा जिसने एक बार राष्ट्रीय गर्भपात प्रतिबंध को समर्थन दिया था। कमला हैरिस ने कहा कि ट्रंप अमेरिकी लोगों की जरूरतों, चिंताओं और चुनौतियों पर पहले से भी कम ध्यान देते हैं।
बता दें कि अमेरिका में राष्ट्रपति का चुनाव सीधे नहीं होता। जनता उन लोगों को चुनती है जो राष्ट्रपति का चुनाव करते हैं। अमेरिका के 50 सूबों से ऐसे 538 इलेक्टर्स को चुना जाता है। इसे ही इलेक्टोरल कॉलेज कहा जाता है। इलेक्टर्स की यह संख्या हर राज्य में अलग अलग है और इसका निर्धारण सूबे में आबादी के अनुपात से किया जाता है। यानी कैलिफोर्निया जैसे राज्य से जहां 55 इलेक्टर्स चुने जाते हैं तो वहीं अलबामा और व्योमिंग जैसे छोटे राज्य में केवल एक ही इलेक्टर चुना जाता है। बाद में पार्टी पसंद के आधार पर चुने गए इलेक्टर्स राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए मतदान करते हैं।
ईरान की तरफ से इस्राइल पर हमला किए जाने के बाद हर दिन हालात बदल रहे हैं, वहीं इन हालातों में तब और तेजी आ गई, जब इस्राइल ने 26 अक्टूबर को ईरान पर जवाबी हमला कर दिया। इस्राइल से इस्लामी गणराज्य के सैन्य बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है।
इधर शुक्रवार को संयुक्त राज्य अमेरिका ने पश्चिम एशिया में अतिरिक्त सैन्य विमान और हथियारों की तैनाती की घोषणा की, जिसमें बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा विध्वंसक और लंबी दूरी के बी-52 बमवर्षक विमान शामिल हैं। जो कि सीधे-सीधे ईरान के लिए एक चेतावनी है क्योंकि वह और इस्राइल एक दूसरे पर हमला कर रहे हैं।वहीं पेंटागन के प्रवक्ता मेजर जनरल पैट राइडर ने एक बयान में कहा, अगर ईरान, उसके साझेदार या उसके प्रतिनिधि इस मौके का इस्तेमाल क्षेत्र में अमेरिकी कर्मियों या हितों को निशाना बनाने के लिए करते हैं, तो संयुक्त राज्य अमेरिका अपने लोगों की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा।
अतिरिक्त संसाधन इस्राइल के समर्थन में पश्चिमी एशिया में पिछले अमेरिकी रक्षा तैनाती पर आधारित हैं, जिसमें पिछले महीने के अंत में देश में तैनात एक ‘थाड’ मिसाइल रक्षा प्रणाली भी शामिल है, जिसे जमीन पर अमेरिकी सैनिकों की तरफ से संचालित किया जाता है। मेजर जनरल पैट राइडर ने कहा कि नई सेना आने वाले महीनों में आनी शुरू हो जाएगी। इस्राइल ने 26 अक्टूबर को ईरान के खिलाफ बड़े हमले किए, जिसमें इस्लामिक गणराज्य के सैन्य बुनियादी ढांचे को तबाह कर दिया गया, जबकि महत्वपूर्ण परमाणु और तेल स्थलों को खाली कर दिया गया।