ओटावा। कनाडा की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में हाल ही में दो बड़े घटनाक्रम सामने आए हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था और कार बाजार को प्रभावित कर सकते हैं। स्टेलेंटिस और जनरल मोटर्स (GM) ने कनाडा में अपनी प्रोडक्शन यूनिट्स को बंद करने का निर्णय लिया है, जबकि प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की सरकार ने आयातित कारों पर नए टैरिफ लगाने की घोषणा की है।
स्टेलेंटिस और GM की उत्पादन बंदी
स्टेलेंटिस और जनरल मोटर्स ने संयुक्त बयान में कहा कि कनाडा में उनके प्लांट्स को बंद करना व्यापारिक रणनीति और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बदलाव के कारण आवश्यक हो गया है। कंपनियों ने बताया कि यह कदम लागत कम करने और अधिक प्रतिस्पर्धी उत्पाद बनाने के लिए उठाया गया है।
कनाडाई ऑटो यूनियनों ने इस फैसले की निंदा की है और कहा है कि इससे हजारों कर्मचारियों की नौकरियों पर खतरा पैदा हो गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह निर्णय न केवल रोजगार बल्कि कनाडा में वाहन निर्माण की घरेलू क्षमता पर भी असर डाल सकता है।
कार आयात पर टैरिफ
प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की सरकार ने आयातित कारों पर नया टैरिफ लागू किया है। अधिकारियों ने बताया कि यह कदम मुख्य रूप से देश में वाहन निर्माण को प्रोत्साहित करने और घरेलू उद्योग की रक्षा के उद्देश्य से उठाया गया है।
सरकार के अनुसार, इस टैरिफ के तहत विदेश से आयातित कारों की कीमतें बढ़ेंगी, जिससे कनाडाई निर्मित वाहनों को बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिलेगा।
आर्थिक और राजनीतिक प्रभाव
विश्लेषकों का कहना है कि ऑटो कंपनियों की प्रोडक्शन बंदी और आयात टैरिफ की नीति कनाडा में वाहन उद्योग के परिदृश्य को बदल सकती है।
• घरेलू वाहन निर्माता टैरिफ का लाभ उठा सकते हैं और उत्पादन बढ़ा सकते हैं।
• उपभोक्ताओं के लिए आयातित कारों की कीमतें बढ़ेंगी।
• इसके साथ ही, रोजगार और निवेश को लेकर स्थानीय राजनीति और ट्रेड यूनियनों के बीच दबाव बढ़ सकता है।
कनाडा में वाहन उद्योग अमेरिका और चीन के बाजार पर निर्भर रहा है, लेकिन वैश्विक सप्लाई चेन में व्यवधान और बढ़ती लागत के कारण कंपनियों को अपनी रणनीति बदलनी पड़ रही है।
स्टेलेंटिस और GM का उत्पादन बंद करने का निर्णय नवंबर से लागू होने वाला है, और सरकार ने आश्वासन दिया है कि प्रभावित कर्मचारियों के लिए वैकल्पिक रोजगार और समर्थन कार्यक्रम चलाए जाएंगे।





