ईरान के कट्टरपंथी पूर्व राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद एक बार फिर राष्ट्रपति पद की रेस में शामिल हो गए हैं। दरअसल अहमदीनेजाद ने 28 जून को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए रविवार को नामांकन किया। इब्राहिम रईसी की हेलीकॉप्टर हादसे में मौत के बाद ईरान में राष्ट्रपति चुनाव हो रहे हैं। महमूद अहमदीनेजाद के नामांकन के बाद ईरान के राष्ट्रपति का चुनाव रोचक हो गया है। अहमदीनेजाद ईरान के लोकप्रिय नेताओं में से एक हैं। खास बात ये है कि अहमदीनेजाद के नामांकन से ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अल खुमैनी पर दबाव बढ़ गया है। ईरान का राष्ट्रपति रहने के दौरान अहमदिनेजाद ने अयातुल्लाह अल खुमैनी को चुनौती दी थी, जिसके चलते साल 2021 में अहमदीनेजाद को राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित कर दिया गया था। अहमदीनेजाद को अमेरिका का कट्टर विरोधी माना जाता है। अहमदीनेजाद अगर ईरान की सत्ता में वापस आते हैं तो कट्टरपंथी नेता की यह वापसी ऐसे समय होगी, जब ईरान और पश्चिमी देशों के बीच तनाव चरम पर है। ईरान लगातार अपने परमाणु कार्यक्रम को बढ़ा रहा है। साथ ही ईरान इस्राइल के खिलाफ भी आक्रामक रुख अपनाए हुए है। इस्राइल हमास युद्ध के चलते ईरान समर्थित हूती विद्रोही लगातार अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट से गुजरने वाले व्यापारिक जहाजों पर हमले कर रहे हैं, जिसका असर पूरी दुनिया पर पड़ रहा है।





