कच्चातिवु द्वीप को लेकर भारत में लगातार बयानबाजी चल रही है। अब इसे लेकर श्रीलंका का बयान सामने आया है। श्रीलंका के मत्स्यपालन मंत्री डगलस देवानंद ने कहा है कि कच्चातिवु द्वीप को वापस लेने के भारत के बयानों का कोई आधार नहीं है। यह कहकर श्रीलंका के मंत्री ने भारत के कच्चातिवु द्वीप पर दावों को खारिज कर दिया। श्रीलंका के मंत्री का यह बयान तब सामने आया है, जब भारत में पीएम मोदी और उनकी सरकार कांग्रेस पार्टी और डीएमके पार्टी पर कच्चातिवु द्वीप को लेकर राष्ट्रीय हितों की अनदेखी करने का आरोप लगा रहे हैं। भाजपा सरकार का आरोप है कि कांग्रेस और डीएमके ने कच्चातिवु द्वीप के आसपास मछली पकड़ने वाले मछुआरों के हितों की अनदेखी की। अब इस पर श्रीलंका के मंत्री डगलस देवानंद ने कहा है कि यह भारत में चुनाव का समय है और कच्चातिवु द्वीप को लेकर ऐसी बातें सुनना असामान्य नहीं है। देवानंद ने कहा कि मुझे लगता है कि भारत अपने हितों के लिए काम कर रहा है और कोशिश कर रहा है कि उस जगह पर भारतीय मछुआरे मछली पकड़ सकें। हालांकि उन्होंने कहा कि कच्चातिवु पर श्रीलंका के कब्जे को लेकर जारी बयानों का कोई आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि साल 1974 के समझौते के अनुसार दोनों देशों के मछुआरे कच्चातिवु द्वीप के आसपास मछली पकड़ सकते थे, लेकिन बाद में इसकी समीक्षा की गई और साल 1976 में इसमें संशोधन कर दिया गया। संशोधन के तहत दोनों देशों के मछुआरों के कच्चातिवु द्वीप के आसपास मछली पकड़ने पर रोक लगा दी गई।