Saturday, June 7, 2025

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‘ऑपरेशन सिंदूर दुश्मनों के लिए सबक’, जर्मनी-सिंगापुर के रक्षा प्रमुखों से CDS ने की मुलाकात; इन मुद्दों पर भी हुई चर्चा

भारत-पाकिस्तान में पिछले महीने सैन्य संघर्ष के कारण बढ़े तनाव के बीच दोनों देशों के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने सिंगापुर में शांगरी-ला डायलाग के दौरान अपने-अपने विचार साझा किए। भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर हमारे विरोधियों के लिए एक सबक है।

चैनल न्यूज एशिया ने रविवार को बताया कि शीर्ष वैश्विक रक्षा मंच की बैठक में दोनों पड़ोसियों के बीच जारी तनाव ने ध्यान आकृष्ट किया। भारत ने पहलगाम में पर्यटकों पर हुए घातक हमले के लिए पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों पर आरोप लगाया, जबकि पाकिस्तान ने इसमें किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया।

भारत और पाकिस्तान जिस तरह भौगोलिक रूप से एक-दूसरे के बगल में हैं, उसी तरह दोनों देशों के कुछ शीर्ष जनरल शनिवार दोपहर को शांगरी-ला डायलाग के दौरान पड़ोसी सम्मेलन कक्षों में बैठे और रक्षा नवाचार समाधानों से लेकर क्षेत्रीय संकट-प्रबंधन तंत्र जैसे विषयों पर एक साथ चलने वाले सत्रों में हिस्सा लिया। जनरल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करने को लेकर एक नई लक्ष्मण रेखा खींच दी है।

उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि यह ऑपरेशन हमारे विरोधियों के लिए भी सबक है। उम्मीद है कि वे सबक लेंगे कि यह भारत की सहनशीलता की सीमा है। पाकिस्तान के सशस्त्र बलों के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष जनरल साहिर शमशाद मिर्जा ने चेतावनी दी कि अगर फिर से संघर्ष हुआ तो क्या हो सकता है।

उन्होंने कहा कि यदि अगली बार ऐसा संघर्ष हुआ और शहरों को पहले निशाना बनाया गया तथा सीमाएं अप्रासंगिक हो गईं, तो स्थिति खतरनाक स्तर तक बिगड़ सकती है। ऐसी संभावना बन सकती है कि सीमित समयावधि के कारण अंतरराष्ट्रीय समुदाय के हस्तक्षेप से पहले ही क्षति और विनाश हो चुका हो।

एएनआई के अनुसार, सीडीएस अनिल चौहान ने रविवार को जर्मनी और सिंगापुर के शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक की। जर्मनी के चीफ ऑफ डिफेंस जनरल का‌र्स्टन ब्रेउर के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को मजबूत करने और सैन्य सहयोग को बढ़ाने पर बातचीत हुई।

जनरल चौहान ने सिंगापुर के चीफ ऑफ डिफेंस फोर्स वाइस एडमिरल आरोन बेंग के साथ भी द्विपक्षीय वार्ता की, जिससे दोनों देशों के रक्षा संबंधों को मजबूती मिली। इस दौरान सैन्य सहयोग और संचालन क्षमता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

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