Saturday, June 28, 2025

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ऑपरेशन राइजिंग लॉयन” सबसे सफल मिशन: ईरानी दावों को इस्राइल ने किया खारिज

13 जून को शुरू हुए ईरान-इस्राइल संघर्ष के बाद जहां ईरान ने इस्राइल को “कड़ा जवाब देने” का दावा किया, वहीं अब इस्राइली सेना ने इसका करारा खंडन किया है। इस्राइल डिफेंस फोर्स (IDF) ने ऑपरेशन राइजिंग लॉयन को देश के इतिहास का “सबसे सफल और साहसी अभियान” करार दिया है। वहीं, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के दावों को पूरी तरह “प्रचारात्मक” और “झूठा” बताया गया है।

ईरान में घुसकर किए सटीक हमले: जनरल जमीर

IDF के चीफ ऑफ द जनरल स्टाफ, लेफ्टिनेंट जनरल इयाल जमीर ने एक वीडियो संदेश में कहा,

“हमने ईरान के अंदर घुसकर उनके सैन्य परमाणु कार्यक्रम और बैलिस्टिक मिसाइल क्षमताओं को काफी पीछे धकेल दिया है।”
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन के दौरान “इस्राइल के अस्तित्व को बचाने की लड़ाई” लड़ी गई और यह मिशन कई मोर्चों पर एक साथ लड़ा गया — जिसमें गाज़ा, सीरिया, इराक, और लेबनान की सीमाएं भी शामिल थीं।
अमेरिका का मिला समर्थन
जमीर ने ऑपरेशन के दौरान अमेरिका की सक्रिय भूमिका को भी रेखांकित किया। उन्होंने ऑपरेशन मिडनाइट हैमर के लिए अमेरिकी सेना की तारीफ करते हुए कहा कि “इस तरह के समन्वित और शक्तिशाली अभियान से हमारी सफलता सुनिश्चित हुई।”
50 बंधकों की रिहाई अब भी प्राथमिकता
उन्होंने कहा कि गाजा में हमास द्वारा बंधक बनाए गए 50 इस्राइली नागरिकों की सुरक्षित वापसी और हमास के नेटवर्क का खात्मा अब भी IDF की शीर्ष प्राथमिकता है।
“हमारे जवानों ने साहस, सटीकता और राष्ट्रभक्ति की मिसाल पेश की है।” — जनरल जमीर

पृष्ठभूमि: क्या हुआ था 13 जून को?
• इस्राइल ने ऑपरेशन राइजिंग लॉयन शुरू किया था, जिसमें ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया गया।
• ईरान ने जवाब में ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3 के तहत मिसाइल और ड्रोन से इस्राइली बुनियादी ढांचे पर हमला किया।
• अमेरिका ने भी हस्तक्षेप करते हुए ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान परमाणु ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की।
• जवाबी कार्रवाई में ईरान ने कतर और अपने क्षेत्र में मौजूद अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया।
• अंततः डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता में युद्धविराम की घोषणा हुई।

क्या है आगे की राह?
• विशेषज्ञों के मुताबिक यह युद्धविराम अस्थायी हो सकता है, क्योंकि दोनों देशों में अंदरूनी राजनीतिक दबाव अब भी बहुत अधिक है।
• अमेरिका की सक्रिय भूमिका ने फिलहाल टकराव को रोका है, लेकिन परमाणु कार्यक्रमों को लेकर तनाव बना हुआ है।

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