Election Commission of India (निर्वाचन आयोग) ने देशव्यापी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर – Special Intensive Revision) के दूसरे चरण की रूपरेखा घोषित कर दी है। इसके तहत 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में इस अभियान को लागू किया गया है, जबकि कुछ अन्य राज्यों को इस चरण से बाहर रखा गया है।
मुख्य बिंदु
- आयोग ने बताया कि पहला चरण Bihar में पूर्ण हो चुका है और अनुभवों को ध्यान में रखते हुए अब दूसरे चरण को आरंभ किया जा रहा है।
- दूसरे चरण में जिन राज्यों/संघ-शासित प्रदेशों को शामिल किया गया है उनमें प्रमुख रूप से West Bengal, Tamil Nadu, Kerala, Uttar Pradesh, Madhya Pradesh, Rajasthan, Goa, Gujarat, Chhattisgarh, Andaman & Nicobar Islands एवं Lakshadweep आदि शामिल हैं।
- इस क्रम में, जिस राज्य का नाम शामिल नहीं हुआ है — अर्थात् अभी इस अभियान में उस राज्य को शामिल नहीं किया गया है।
- आयोग का कहना है कि इस प्रक्रिया का उद्देश्य है: (i) योग्य मतदाताओं का नाम मतदाता सूची में सुनिश्चित करना और (ii) अयोग्य व्यक्तियों को सूची से हटाना। प्रक्रिया-विवरण
- मतदाता सूची को स्थिर करने (फ्रीज) के बाद बूथ-स्तरीय अधिकारियों (BLO) द्वारा फॉर्म वितरण और घर-घर जाकर नामों का मिलान किया जाएगा।
- पंजीकरण एवं नामांकन के दौरान, यदि किसी मतदाता का नाम पिछले सुधारे गए मतदाता सूची से मिलता है, तो अतिरिक्त दस्तावेज नहीं देना होगा। वहीं, यदि नाम सूची में नहीं है, तो निर्धारित दस्तावेज जमा कराना होगा।
- आयोग ने कहा है कि यह चरण 4 नवंबर से शुरू होगा और मसौदा सूची 9 दिसंबर को तथा अंतिम सूची 7 फ़रवरी तक तैयार की जाएगी। राज्य-विशिष्ट परिप्रेक्ष्य
हर राज्य की सीटें, जनसंख्या व चुनावी समय-सारणी के अनुसार इस प्रक्रिया की आवश्यकता देखी गई है। उदाहरण के तौर पर, तमिलनाडु, केरल और पश्चिम बंगाल में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं, इसलिए इन्हें दूसरे चरण में शामिल किया गया है।
इस निर्णय को चुनाव आयोग द्वारा सूची की गुणवत्ता, पारदर्शिता तथा आगामी चुनावों की सहजता सुनिश्चित करने के उपाय के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, जिस राज्य का नाम शामिल नहीं हुआ है, उस पर राजनीतिक और प्रशासनिक दृष्टि से प्रश्न उठ सकते हैं कि वह क्यों अभी प्रक्रिया में नहीं था। यह भी ध्यान देने योग्य है कि प्रत्येक राज्य-स्थित परिस्थिति अलग-अलग है — जैसे कि नागरिकता कानून, निवासियों की प्रवासी स्थिति, वोटर-लिस्ट डुप्लिकेशन आदि — इनमें से कुछ कारण हो सकते हैं कि某 राज्य को दूसरे चरण में शामिल नहीं किया गया।
यदि आप चाहें, तो मैं यह पता लगा सकता हूँ कि आपके राज्य (उदाहरण-स्वरूप Uttarakhand) को इस दूसरे चरण में शामिल किया गया है या नहीं, साथ ही क्यों-क्यों शामिल/बाहर रखा गया है।





