Monday, November 24, 2025

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एसआईआर की कार्रवाई से घबराए अवैध प्रवासी

बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया शुरू होते ही बांग्लादेशी घुसपैठियों में हड़कंप मच गया है। कोलकाता से सटे उत्तर 24 परगना जिले के हाकिमपुर क्षेत्र में भारत–बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ चेकपोस्ट के सामने सैकड़ों अवैध प्रवासी स्वयं पहुंचकर लौटने की इच्छा जता रहे हैं। इन लोगों में एसआईआर को लेकर स्पष्ट रूप से भय देखा जा रहा है।

एसआईआर के तहत कड़ी जांच की आशंका के बीच पिछले दो हफ्तों में करीब 26,000 बांग्लादेशी प्रवासियों के अपने ठिकानों से गायब होने की खबरें हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने इनके नेटवर्क और दस्तावेजों की व्यापक जांच शुरू कर दी है।

प्रवासी बोले — भारत आए फर्जी दस्तावेज बनवाए, अब वापस लौटना चाहते हैं

सीमा पर बैठे 24 वर्षीय रुकनुज्जमान रनी ने स्वीकार किया कि वह चार वर्ष पहले परिवार के साथ अवैध रूप से भारत में दाखिल हुआ था। उसकी मानें तो दलालों ने सीमा पार कराने के बदले प्रति सदस्य ₹5,000 वसूले, रात में नदी पार कराकर उन्हें भारत में प्रवेश कराया गया।

भारत आने के बाद उसने पहले आधार कार्ड, फिर उसके आधार पर मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड और जन्म प्रमाणपत्र बनवाए। रुकनुज्जमान मूल रूप से बांग्लादेश के सातक्षीरा क्षेत्र का निवासी है। रोजगार और सरकारी सुविधाओं के लालच में वह परिवार के साथ भारत आया था।

उसने स्वीकार किया, “यहां सिलाई का काम मिलता है, अच्छा पैसा मिलता है, सरकार राशन भी देती है और इलाज निःशुल्क है। बांग्लादेश में इतनी सुविधाएं नहीं मिलतीं।”

इसी तरह आलम गाजी ने भी खुद को बांग्लादेश का नागरिक बताते हुए कहा कि घुसपैठ के बाद उसने कोलकाता के बागुईआटी में रिक्शा चलाना शुरू किया था। अब वह भी चाहता है कि बीएसएफ उसे सीमा पार वापस भेज दे

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