उत्तराखंड में सामने आए एलयूसीसी चिटफंड घोटाले को लेकर राज्य के चार सांसदों ने बृहस्पतिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की। प्रतिनिधिमंडल ने गरीब और ग्रामीण निवेशकों के साथ हुई इस ठगी को सार्वजनिक विश्वास से जुड़ा गंभीर आर्थिक अपराध बताते हुए दोषियों को इंटरपोल की मदद से भारत लाकर सजा दिलाने की मांग की।
दिल्ली में हुई इस मुलाकात में हरिद्वार सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी, नैनीताल सांसद अजय भट्ट और टिहरी सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह शामिल रहे। प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह को अवगत कराया कि इस घोटाले में हजारों ग्रामीण निवेशकों की मेहनत की कमाई लूटी गई है, और इसके पीछे सक्रिय एलयूसीसी प्रमोटर्स के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई आवश्यक है।
सांसदों ने गृह मंत्री से अनुरोध किया कि देश से फरार अपराधियों को इंटरपोल के सहयोग से भारत लाकर न्याय के कटघरे में लाया जाए, ताकि पीड़ितों को शीघ्र न्याय और धन वापसी सुनिश्चित की जा सके। सांसदों ने यह भी बताया कि राज्य सरकार इस प्रकरण की सीबीआई जांच की संस्तुति पहले ही दे चुकी है।
गृह मंत्री अमित शाह ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि इस गंभीर मामले में सभी स्तरों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि, “यह केवल आर्थिक अपराध नहीं बल्कि आम जनता के विश्वास का भी मामला है। दोषियों को उनके कृत्य की सजा अवश्य मिलेगी।”
इस बीच, पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने भी अलग से गृह मंत्री से मुलाकात कर मामले में शीघ्र न्याय की मांग की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही घोटाले में लिप्त द लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट को-ऑपरेटिव सोसायटी के खिलाफ सीबीआई जांच की अनुमति दे चुके हैं। इस घोटाले में मुख्य आरोपी कंपनी के चेयरमैन जितेंद्र सिंह चिरंजन और सहयोगी दिनेश को गिरफ्तार कर पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड पर लिया गया है।
राज्य सरकार और केंद्र दोनों स्तरों पर चल रही इस कार्रवाई से संकेत मिल रहे हैं कि सरकार इस मामले में कोई कोताही नहीं बरतेगी, और दोषियों को जल्द ही उनके अपराध की सजा मिल सकती है।