एच-1 बी वीजा कार्यक्रम पर अरबपति टेक दिग्गज एलन मस्क ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली अव्यवस्थित है। इसमें बड़े सुधार की जरूरत है। एलन मस्क और भारतीय मूल के राजनेता विवेक रामास्वामी लगातार एच-1बी वीजा का समर्थन कर रहे हैं। इसे लेकर दोनों नेता नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों से भी भिड़ चुके हैं। एक्स पर पोस्ट में एलन मस्क ने कहा कि एच-1 बी वीजा प्रणाली अव्यवस्थित है और इसमें बड़े सुधार की जरूरत है। एक एक्स यूजर ने लिखा था कि अमेरिका को विश्व की सर्वाधिक विशिष्ट प्रतिभाओं के लिए गंतव्य बनना चाहिए, मगर एच-1 बी वीजा कार्यक्रम इसका सही तरीका नहीं है। इसके जवाब में मस्क ने लिखा कि न्यूनतम वेतन में उल्लेखनीय वृद्धि करके और वार्षिक जरूरी लागत जोड़कर एच-1 बी वीजा को ठीक किया जा सकता है। जिससे घरेलू स्तर की तुलना में विदेशों से भर्ती करना अधिक महंगा हो जाएगा। पिछले सप्ताह मस्क ने कहा था कि अमेरिका में काफी कम उच्च प्रशिक्षित कर्मचारी होते हैं और अगर अमेरिका को आगे भी तरक्की करते रहना है तो विदेशों से कुशल कर्मचारियों को लाना बेहद जरूरी है। मस्क के समर्थन में भारतीय मूल के राजनेता विवेक रामास्वामी ने कहा था कि अमेरिका की संस्कृति लंबे समय से उत्कृष्टता को छोड़कर सिर्फ औसत दर्जे को महत्व देती है।एच-1 बी वीजा विवाद के केंद्र में एक डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से अपनी आने वाली सरकार के लिए की गई एक नियुक्ति है। यह नियुक्ति है भारतवंशी श्रीराम कृष्णन की, जिन्हें ट्रंप ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से जुड़े मामलों का सलाहकार बनाया है। उनकी नियुक्ति को लेकर ट्रंप के अतिवादी समर्थकों ने नाराजगी जाहिर की है। एक अतिवादी ट्रंप समर्थक लॉरा लूमर ने कृष्णन की नियुक्ति को परेशान करने वाला करार दिया। उन्होंने कृष्णन के उस बयान की आलोचना की, जिसमें कृष्णन ने कौशल रखने वाले योग्य विदेशी कामगारों के लिए वर्क वीजा और ग्रीन कार्ड देने की पैरवी की थी। लूमर ने कहा कि यह ट्रंप की आव्रजन नीतियों के बिल्कुल खिलाफ है। निक्की हेली और मैट गेट्ज जैसे नेताओं का भी आव्रजन नीति को लेकर रुख लॉरा लूमर जैसा ही है।
हालांकि एलन मस्क ने इसके उलट विचार साझा किए। मस्क ने सोशल मीडिया पर साझा पोस्ट में लिखा कि अमेरिका में बेहतरीन इंजीनियरिंग टैलेंट की कमी रही है। इससे सिलिकॉन वैली को नुकसान होगा। उन्होंने आगे कहा, ‘क्या आप अमेरिका को जीतते देखना चाहते हो या अमेरिका को हराना चाहते हैं? अगर आप दुनिया के बेहतरीन प्रभावशाली लोगों को दूसरे पक्ष के लिए खेलने देंगे, तो अमेरिका हार जाएगा।