एनआईईपीवीडी में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को जन्मदिन की बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति मातृशक्ति की प्रतिमूर्ति हैं, जिनका जीवन समर्पण, सेवा और सशक्तीकरण का प्रेरणास्रोत है। राज्यपाल ने संस्थान के समर्पित शिक्षकों, प्रशिक्षकों और कर्मचारियों की सराहना की, जो वर्षों से दृष्टिबाधित दिव्यांगजनों के जीवन में प्रकाश और आत्मनिर्भरता का दीप प्रज्वलित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तीकरण जैसे संस्थान समावेशी, समानता–आधारित और करुणामय समाज के निर्माण में अहम भूमिका निभा रहे हैं। राज्यपाल ने छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आप सभी ने यह सिद्ध कर दिया है कि सामर्थ्य दृष्टि में नहीं, संकल्प में होता है। आपकी आत्मविश्वासपूर्ण प्रस्तुतियां राष्ट्र की नई चेतना और आत्मनिर्भर भारत के भाव को अभिव्यक्त करती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि संस्थान में आधुनिक तकनीकों की मदद से दृष्टिबाधित विद्यार्थियों को विज्ञान, गणित, कंप्यूटर, संगीत और खेल जैसी सह–शैक्षणिक गतिविधियों में दक्ष बनाया जा रहा है। यह डिजिटल समावेशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को जन्मदिवस की शुभकामनाएं देते हुए उनके उत्तम स्वास्थ्य और सुदीर्घ जीवन की कामना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका जीवन संयम, सेवा, संघर्ष और साधना की जीवंत प्रतिमूर्ति है, जो देशवासियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि राष्ट्रपति ने दृष्टिबाधित बच्चों के साथ संवाद किया। राष्ट्रपति निकेतन और तपोवन परिसर को जनता के लिए खोला गया। उन्होंने बताया कि देश के पहले नेट जीरो पब्लिक पार्क राष्ट्रपति उद्यान, जो दिव्यांगजनों को समर्पित है, का शिलान्यास भी महामहिम राष्ट्रपति के हाथों से हुआ, जो राज्य के लिए गौरव का विषय है। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति के संघर्षशील जीवन की सराहना करते हुए कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने शिक्षा व सेवा के क्षेत्र में जो ऊंचाइयां प्राप्त की हैं, वह सभी के लिए अनुकरणीय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए केंद्र सरकार की ओर से दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016, सुगम्य भारत अभियान, एडीआईपी योजना, दीनदयाल दिव्यांगजन पुनर्वास योजना व दिव्यांगजन छात्रवृत्ति योजनाएं जैसी पहल की गई हैं। प्रदेश में दिव्यांगजन भरण–पोषण अनुदान योजना के तहत 1500 रुपये मासिक पेंशन, अभिभावकों को 700 रुपये प्रतिमाह अनुदान दिया जा रहा है।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को राष्ट्रपति निकेतन देहरादून में आयोजित एक कार्यक्रम में उत्तराखंड के ऐतिहासिक राजभवन नैनीताल के 125 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में विशेष डाक टिकट जारी किया। इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) भी उपस्थित रहे। उन्होंने राष्ट्रपति का इस ऐतिहासिक धरोहर को राष्ट्रीय स्मृति में स्थान दिलाने पर आभार प्रकट किया।
गौरतलब है कि राजभवन नैनीताल का यह भवन ब्रिटिश काल की अद्भुत गोथिक स्थापत्य शैली का उत्कृष्ट उदाहरण माना जाता है। राजभवन की भव्य वास्तुकला, भू–संरचना तथा इसके आसपास का प्राकृतिक सौंदर्य इस धरोहर स्थल को विशिष्ट बनाते हैं। इस अवसर पर राज्यपाल ने राष्ट्रपति को एक भारत–श्रेष्ठ भारत काफी टेबल बुक भी भेंट कीं। यह बुक राजभवन में मनाए जाने वाले प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्य स्थापना दिवस पर आधारित है। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, राज्यपाल के सचिव रविनाथ रामन, चीफ पोस्टमास्टर जनरल शशि शालिनी उपस्थित रहे।