Monday, December 22, 2025

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एकमत से स्वीकारा गया भारत का सह-प्रायोजित प्रस्ताव

संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में भारत के एक सह-प्रायोजित प्रस्ताव पर एकमत से मुहर लगी है। इस प्रस्ताव में 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के तौर पर घोषित करने के लिए कहा गया था। सभी देशों ने इसे स्वीकारते हुए एक तरफ से इसके पक्ष में वोटिंग की।  इस प्रस्ताव को भारत, लिक्टेन्स्टाइन, श्रीलंका, नेपाल, मैक्सिको और अंडोरा जैसे देशों के समूह की तरफ से यूएनजीए के 193 सदस्यों के सामने शुक्रवार को लाया गया। इन्हीं देशों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्ताव को लेकर सभी जानकारियां साथी देशों के सामने रखीं। लिक्टेन्सटाइन की तरफ से संयुक्त राष्ट्र के पटल पर रखे गए इस प्रस्ताव को बांग्लादेश, बल्गेरिया, बुरुंडी, द डॉमिनिकन रिपब्लिक, आइसलैंड, लक्जमबर्ग, मॉरीशस, मोनाको, मंगोलिया, मोरक्को, पुर्तगाल और स्लोवेनिया की तरफ से सह-प्रायोजित किया गया था।इस प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वतानेनी हरीश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “व्यापक बेहतरी और आंतरिक परिवर्तन का दिन! खुशी है कि भारत ने कोर ग्रुप के अन्य देशों के साथ मिलकर 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के रूप में घोषित करने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से अपनाने में मार्गदर्शन दिया।” उन्होंने कहा कि समग्र मानव कल्याण में भारत का नेतृत्व ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ यानी ‘पूरा विश्व एक परिवार है’ के मूल सिद्धांत पर आधारित है।

यूएन में भारत के राजदूत ने कहा कि 21 दिसंबर शीत संक्रांति का दिन है और भारतीय परंपरा के अनुसार यह दिन ‘उत्तरायण’ की शुरुआत का दिन है, जो कि साल के शुभ दिनों में से है, खासकर आंतरिक विचारों और ध्यान लगाने के लिए।

विश्व ध्यान दिवस के साथ एक खास बात यह जुड़ी है कि यह 21 जून को पड़ने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से ठीक छह महीने बाद मनाया जाएगा। विश्व ध्यान दिवस से उलट योग दिवस ग्रीष्म संक्रांति के दिन मनाया जाता है। इस तथ्य का जिक्र करते हुए हरीश ने कहा कि 2014 में भी भारत ने नेतृत्व करते हुए 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के तौर पर घोषित करवाने में अहम भूमिका निभाई थी। अब एक दशक बाद विश्व योग दिवस पूरी दुनिया में आम लोगों के लिए योग को उनके रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बनाने का वैश्विक आंदोलन बन गया है।

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