नई दिल्ली। देश के विभिन्न हिस्सों में खराब मौसम और तकनीकी कारणों से विमानन सेवाओं में आए व्यवधान के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। थरूर ने उड़ानों के प्रबंधन को लेकर निजी एयरलाइन ‘इंडिगो’ की कड़ी आलोचना की है, जबकि उन्होंने ‘एअर इंडिया’ के प्रयासों की सराहना करते हुए उसे बेहतर बताया है।
मैनेजमेंट पर उठाए सवाल
शशि थरूर ने सोशल मीडिया और मीडिया के माध्यम से कहा कि जब पूरा एविएशन सेक्टर संकट से जूझ रहा था, तब अलग-अलग एयरलाइंस का रवैया भी अलग रहा। उन्होंने कहा, “एअर इंडिया ने इस चुनौतीपूर्ण समय में स्थितियों को काफी हद तक मैनेज किया और यात्रियों की समस्याओं को सुलझाने का प्रयास किया, लेकिन इंडिगो इस मामले में पूरी तरह विफल साबित हुई।”
यात्रियों की परेशानी और इंडिगो की आलोचना
शशि थरूर का यह बयान उन हजारों यात्रियों के गुस्से को स्वर देता है, जो पिछले कुछ दिनों से हवाई अड्डों पर घंटों फँसे रहे। थरूर ने निम्नलिखित प्रमुख बिंदुओं पर इंडिगो को घेरा:
- खराब संवाद: यात्रियों को उड़ानों की देरी या रद्द होने के बारे में समय पर और सही जानकारी नहीं दी गई।
- ग्राउंड स्टाफ का व्यवहार: हवाई अड्डों पर फंसे यात्रियों की सहायता करने में एयरलाइन का ग्राउंड स्टाफ असमर्थ रहा।
- संकट प्रबंधन में कमी: थरूर के अनुसार, इंडिगो जैसे बड़े ऑपरेटर के पास आपातकालीन स्थितियों के लिए कोई ठोस ‘बैकअप प्लान’ नजर नहीं आया।
एअर इंडिया को मिला ‘सर्टिफिकेट’
हैरानी की बात यह रही कि अक्सर आलोचना झेलने वाली एअर इंडिया की थरूर ने प्रशंसा की। उन्होंने माना कि एअर इंडिया ने अपने संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल किया और यात्रियों को कम से कम असुविधा हो, इसका ध्यान रखा।
विमानन मंत्रालय से हस्तक्षेप की मांग
शशि थरूर ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय से इस मामले में हस्तक्षेप करने और एयरलाइंस के लिए सख्त ‘सर्विस स्टैंडर्ड’ तय करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यात्रियों से भारी-भरकम किराया वसूलने के बाद उन्हें इस तरह की अनिश्चितता और अव्यवस्था के बीच नहीं छोड़ा जा सकता।





