नई दिल्ली/देहरादून। केंद्र सरकार ने लोकसभा में स्पष्ट किया है कि ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक प्रस्तावित 125 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन परियोजना के पूर्ण होने की कोई निश्चित समयसीमा फिलहाल तय नहीं की जा सकती। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी भाजपा सांसद अनिल बलूनी के लिखित प्रश्न के उत्तर में दी।
रेल मंत्री ने कहा कि किसी भी रेलवे परियोजना की गति कई बाहरी कारकों पर निर्भर करती है, जिनमें भूमि अधिग्रहण, वन स्वीकृति, राज्य सरकार द्वारा लागत भागीदारी का भुगतान, तकनीकी मंजूरी और क्षेत्रीय भू-जलवायु स्थितियां शामिल हैं। यह पूरी परियोजना उत्तराखंड राज्य में स्थित है और अत्यंत जटिल हिमालयी भूगोल से होकर गुजरती है।
199 किलोमीटर सुरंग निर्माण कार्य पूर्ण
इस महत्वाकांक्षी रेल परियोजना के अंतर्गत कुल 213 किलोमीटर सुरंगों का निर्माण प्रस्तावित है, जिनमें से 199 किलोमीटर सुरंग और आठ अडिट टनल बनकर तैयार हो चुकी हैं। परियोजना में पहली बार हिमालयी क्षेत्र में टनल बोरिंग मशीन (TBM) का उपयोग किया गया है, जिससे 14.8 किलोमीटर लंबी सबसे बड़ी सुरंग (T-8) का निर्माण सफलतापूर्वक पूरा हुआ।
चारधाम रेल कनेक्टिविटी का सर्वे पूरा
वैष्णव ने बताया कि चारधाम रेल परियोजना का फाइनल लोकेशन सर्वे पूरा कर लिया गया है। इस परियोजना का उद्देश्य गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को रेलवे नेटवर्क से जोड़ना है।