नई दिल्ली। देश के अगले उपराष्ट्रपति के चुनाव को लेकर अब तस्वीर साफ हो गई है। नामांकन वापस लेने की समयसीमा समाप्त होने के बाद सोमवार को यह तय हो गया कि इस पद के लिए 9 सितंबर को सत्तारूढ़ राजग (NDA) के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन और विपक्ष के संयुक्त प्रत्याशी बी. सुदर्शन रेड्डी के बीच सीधा मुकाबला होगा।
दक्षिण भारत से दोनों उम्मीदवार
दिलचस्प बात यह है कि दोनों उम्मीदवार दक्षिण भारत से ताल्लुक रखते हैं। राधाकृष्णन तमिलनाडु के वरिष्ठ भाजपा नेता और वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं, जबकि रेड्डी तेलंगाना से हैं और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रह चुके हैं। विपक्ष इस चुनाव को वैचारिक लड़ाई के तौर पर पेश कर रहा है, वहीं संख्याबल स्पष्ट रूप से एनडीए के पक्ष में है। ऐसे में राजनीतिक जानकारों का मानना है कि राधाकृष्णन की जीत लगभग तय मानी जा रही है।
कब और कैसे होगा मतदान
उपराष्ट्रपति पद के लिए मतदान 9 सितंबर को होगा। सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक संसद भवन के कक्ष एफ-101 में सांसद अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। निर्वाचन मंडल में संसद के दोनों सदनों — लोकसभा और राज्यसभा — के सभी निर्वाचित और नामित सदस्य शामिल हैं।
राज्यसभा के महासचिव एवं रिटर्निंग ऑफिसर पीसी मोदी ने जानकारी दी कि मतदान समाप्त होने के बाद उसी दिन शाम 6 बजे से मतगणना शुरू होगी और परिणाम तुरंत घोषित कर दिया जाएगा।
राधाकृष्णन का राजनीतिक अनुभव
सीपी राधाकृष्णन भाजपा के वरिष्ठ और अनुभवी नेता हैं। वे कोयंबटूर से दो बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं। संगठनात्मक स्तर पर भी उन्होंने पार्टी में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ निभाई हैं। फिलहाल वे महाराष्ट्र के राज्यपाल के पद पर आसीन हैं।
रेड्डी का न्यायिक करियर
विपक्ष के प्रत्याशी बी. सुदर्शन रेड्डी न्यायपालिका से आते हैं। वे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश रह चुके हैं और अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय दिए हैं। विशेष रूप से काले धन के मामलों की जांच में सरकार की लापरवाही पर उनकी आलोचनात्मक टिप्पणियाँ सुर्खियों में रही थीं।
टकराव वैचारिक, नतीजा लगभग तय
विपक्ष इस चुनाव को वैचारिक लड़ाई बताकर प्रचारित कर रहा है, जबकि आंकड़े साफ संकेत दे रहे हैं कि संसद में एनडीए का संख्याबल निर्णायक है। लिहाज़ा, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि परिणाम को लेकर कोई विशेष संशय नहीं है।