प्योंगयांग/सियोल। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की सैन्य महत्वाकांक्षाओं ने एक बार फिर वैश्विक शांति के लिए खतरा पैदा कर दिया है। उत्तर कोरिया द्वारा हाल ही में दो रणनीतिक क्रूज मिसाइलों का सफल परीक्षण किए जाने की खबर ने दक्षिण कोरिया, जापान और अमेरिका सहित कई देशों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। इस परीक्षण को किम जोंग उन की उस चेतावनी का हिस्सा माना जा रहा है, जिसमें उन्होंने अपनी सेना को ‘किसी भी क्षण युद्ध के लिए तैयार’ रहने का निर्देश दिया था।
मिसाइल परीक्षण की खासियत और मारक क्षमता
उत्तर कोरियाई सरकारी मीडिया के अनुसार, ये मिसाइलें लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम हैं और इन्हें विशेष रूप से परमाणु हथियार ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है।
- सटीक निशाना: परीक्षण के दौरान मिसाइलों ने समुद्र के ऊपर एक पूर्व निर्धारित मार्ग का अनुसरण किया और अपने लक्ष्य को सटीकता से भेद दिया।
- रडार से बचने की तकनीक: ये क्रूज मिसाइलें कम ऊंचाई पर उड़ने की क्षमता रखती हैं, जिससे दुश्मन देशों के रडार और मिसाइल डिफेंस सिस्टम के लिए इन्हें पकड़ना बेहद मुश्किल हो जाता है।
किन देशों की बढ़ी टेंशन?
- दक्षिण कोरिया: सियोल ने इस परीक्षण को एक ‘गंभीर उकसावा’ बताया है। दक्षिण कोरियाई रक्षा मंत्रालय का मानना है कि उत्तर कोरिया जानबूझकर सीमा पर तनाव बढ़ा रहा है ताकि भविष्य की बातचीत में अपना पलड़ा भारी कर सके।
- जापान: जापान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने इन परीक्षणों की निंदा करते हुए इसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन बताया है। जापान को डर है कि ये मिसाइलें उसके विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) के लिए खतरा हैं।
- अमेरिका: वाशिंगटन ने इस स्थिति पर पैनी नजर रखते हुए अपने सहयोगियों की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई है। अमेरिकी विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तर कोरिया अपनी परमाणु त्रयी (Nuclear Triad) को मजबूत कर रहा है।
क्या युद्ध की आहट है?
हाल के महीनों में किम जोंग उन ने दक्षिण कोरिया को अपना ‘प्रमुख दुश्मन’ घोषित किया है और शांति बहाली के लिए बने कई दशकों पुराने समझौतों को रद्द कर दिया है। सैन्य विश्लेषकों का कहना है कि उत्तर कोरिया जिस गति से मिसाइल परीक्षण कर रहा है और अपने संविधान में बदलाव कर रहा है, वह इस ओर संकेत करता है कि वह किसी बड़े सैन्य अभियान की नींव रख रहा है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि यह केवल घरेलू समर्थन हासिल करने और पश्चिमी देशों पर दबाव बनाने की एक रणनीति हो सकती है।
वैश्विक प्रतिक्रिया और भविष्य की स्थिति
संयुक्त राष्ट्र ने उत्तर कोरिया से उकसावे की कार्रवाई रोकने और कूटनीतिक संवाद के रास्ते पर लौटने की अपील की है। आने वाले दिनों में अमेरिका और उसके सहयोगी देश प्योंगयांग पर नए कड़े प्रतिबंध लगाने पर विचार कर सकते हैं। फिलहाल, कोरियाई प्रायद्वीप में स्थिति बेहद संवेदनशील बनी हुई है और किसी भी छोटी सी चूक के बड़े युद्ध में बदलने की आशंका बनी हुई है।




