देहरादून — उत्तराखंड के गठन के 25 वर्ष पूरे होने पर इसे “राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष” के रूप में मनाया जा रहा है। इस अवसर पर सरकार ने 1 नवंबर से 9 नवंबर तक राज्य के अलग-अलग जिलों में विशेष समारोह, सांस्कृतिक कार्यक्रम और संवाद आयोजन की रूपरेखा तैयार की है।
रूपरेखा व तैयारियाँ
राज्य सचिवालय में आयोजित एक बैठक में मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कार्यक्रम-मापदंड और विभाग-गत तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इन आयोजनों में पिछले 25 वर्षों में राज्य द्वारा हासिल की गई उपलब्धियों को प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा साथ ही आने वाले 25 वर्षों का रोडमैप भी जनता के सामने रखा जाएगा।
– प्रत्येक दिन अलग-अलग जिलों में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे।
– शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, उद्योग, सड़क-हवाई संपर्क आदि क्षेत्रों में हुई प्रगति को प्रदर्शनियों के माध्यम से दिखाया जाएगा।– विभिन्न विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे आयोजन को समन्वित रूप से करें एवं सभी-जिला स्तर पर समाज-जनता तक पहुँच सुनिश्चित
आयोजन की अहमियत
यह सप्ताह-व्यापी कार्यक्रम न सिर्फ समारोह के रूप में है, बल्कि यह राज्य-वासी, विशेष रूप से पहाड़ी एवं मैदान इलाकों के लिए विकास के संवाद का भी मंच बनेगा। पिछले 25 वर्षों में शिक्षा-स्वास्थ्य-सड़क-यातायात जैसे क्षेत्रों में जो बदलाव हुए हैं, उन्हें जनता के समक्ष रखना सरकार की प्राथमिकता है। साथ ही, आगे की चुनौतियों—जैसे कि ग्रामीण पलायन, पर्यावरण-संवेदनशीलता, पर्यटन-विकास—पर जागरूकता तथा साझा चर्चा का अवसर मिलेगा।
आगे की गतिविधियाँ
– 3 और 4 नवंबर को राजधानी देहरादून में विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित होगा, जिसमें राज्य-यात्रा, उपलब्धियों एवं भविष्य की दिशा पर चर्चा होगी।
– इसके अलावा 5 नवंबर को प्रवासी उत्तराखंडियों के सहभागीकरण के लिए विशेष सम्मेलन का आयोजन भी है (संयुक्त समाचार)।
– सांस्कृतिक प्रस्तुति, फोटो-प्रदर्शनी, युवा-कार्यशाला तथा स्थानीय-लेवल की भागीदारी वाले कार्यक्रम इस सप्ताह में शामिल होंगे।





