देहरादून: उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) ने प्रदेश के पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए उनके त्वरित निस्तारण का आश्वासन दिया है। राजभवन में आयोजित एक विशेष मुलाकात के दौरान राज्यपाल ने विभिन्न सैनिक संगठनों के प्रतिनिधियों और पूर्व सैनिकों से सीधा संवाद किया।
संवाद के मुख्य बिंदु
- समस्याओं की सुनवाई: राज्यपाल ने पूर्व सैनिकों द्वारा उठाई गई पेंशन संबंधी विसंगतियों, स्वास्थ्य सुविधाओं (ECHS) और पुनर्वास से जुड़ी चुनौतियों को विस्तार से सुना।
- त्वरित कार्रवाई का निर्देश: उन्होंने उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया कि सैनिकों की फाइलों को अनावश्यक रूप से न रोका जाए और शिकायतों का समाधान एक निश्चित समय सीमा के भीतर किया जाए।
- सैनिकों का सम्मान: राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड ‘वीरभूमि’ है और यहाँ के सैनिकों का बलिदान अतुलनीय है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पूर्व सैनिकों का कल्याण शासन और प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
भविष्य की योजनाएं
राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि पूर्व सैनिकों के कौशल का उपयोग राज्य के विकास में करने के लिए नई योजनाएं बनाई जा रही हैं। उन्होंने सैनिक कल्याण विभाग को और अधिक सक्रिय और संवेदनशील बनाने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले पूर्व सैनिकों को बुनियादी सुविधाओं के लिए परेशान न होना पड़े।
“पूर्व सैनिक हमारे समाज की धरोहर हैं। उनकी समस्याओं का समाधान करना हमारा नैतिक कर्तव्य है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें अपनी जायज मांगों के लिए भटकना न पड़े।” — लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त), राज्यपाल





